शिविर में बच्चों को कांफिडेंश लेवल बढ़ाने के सिखाए गए गुर

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आबूरोड, 5 जून (ब्यूरो): आर्ट ऑफ लिविंग परिवार के तत्वावधान में दो दिवसीय इंटुइशन प्रोसेस शिविर आयोजित हुआ। आर्ट ऑफ लिविंग की सीनियर टीचर मेघना सोती एवं संगीता अग्रवाल ने बच्चों को प्रशिक्षण दिया।

आर्ट ऑफ लिविंग की सीनियर टीचर मेघना सोती ने बताया इंट्यूशन का अर्थ है सही समय पर सही विचार का आना, ये योग्यता जीवन में सफल होने की पहली सीढ़ी है। इसे छटी इंद्री भी कहते है, बच्चे बिना राग द्वेष के होते है और उन में ये छटी इंद्री को आसानी से जागृत व पोषित किया जा सकता है। इस प्रोसेस के बाद बच्चो का मन शांत लेकिन गतिशील रहता है, नए रचनात्मक विचार आते है, और बेहतर निर्णय सहजता लेना आ जाता है। संगीता अग्रवाल ने बताया इस प्रोग्राम में इंट्यूशन प्रोसेस के जरिए बच्चों के ब्रेन को एक्टिव किया जाता है, आंख पर पट्टी बांधकर 40 दिनों तक बच्चों को प्रैक्टिस करनी होती है। इनट्यूशन प्रोसेस में बच्चों को 10 से 12 एक्टिविटी करवाई जाती है।

प्रोग्राम में बच्चों को 20-20 मिनट तक विशेष योग और ध्यान कराया गया। ध्वनि पर ध्यान केंद्रित करवाने के बाद दूसरी एक्टिविटी भी कराई गई। इस प्रक्रिया से बच्चों का कॉन्फिडेंस लेवल बढ़ता है और मेडिटेशन और अन्य सहज प्रक्रिया के द्वारा बच्चो की इंट्यूटिव शक्ति को उजागर होती है। शिविर में विजय गोठवाल, भूपेन्द्र सम्बरीया, योगेश जैन, रिंकी जैन, वरुण त्रिवेदी, सुलभ गर्ग, सोनाली गर्ग, अंकित शाह, कल्पिताशाह, वैभव सेठी, भानु सेठी, आयुषी गोयल एवं शीतल अग्रवाल आदि मौजूद रहे।

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