एकादशी पर 5 लाख से ज्यादा भक्त खाटू आए: भीड़ बढ़ने पर 14 लाइन खोली, 24 घंटे भक्तों को दर्शन देंगे बाबा श्याम

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सीकर

खाटूश्याम के लक्खी मेले में एकादशी पर लाखों भक्त दर्शन करने पहुंचे हैं। 85 दिन तक मंदिर बंद रहने के बाद इस बार मेले में काफी भीड़ हैं। 24 घंटे में करीब 7 लाख से ज्यादा श्रद्धालु दर्शन कर चुके हैं। भीड़ को देखते हुए गुरुवार रात से 14 लाइन को भी खोल दिया गया था। इससे पहले शुक्रवार दोपहर 12 बजे बाबा नगर भ्रमण के लिए निकले थे। शाम पौने 7 बजे संध्या आरती होगी। इस दौरान भक्तों की काफी भीड़ होने की संभावना है।

बाबा का फाल्गुन मेला 22 फरवरी से भरा जा रहा है। मेले में करीब 30 लाख से ज्यादा श्रद्धालु दर्शन कर चुके है । एकादशी पर मुख्य मेला होता है। राजस्थान और दूसरे राज्यों से भी भक्त बड़ी संख्या में दर्शन करने आए हैं। आज बाबा ने दिन में सजे-धजे रथ में विराजमान होकर करीब 2 घंटे तक पूरा नगर भ्रमण भी किया था। जिसके बाद वापस मंदिर आए थे। बाबा नीले घोड़े पर सवार होकर नगर भ्रमण के बाद मंदिर पहुंचे।इस दौरान भक्तों ने जयकारे लगाकर उनका स्वागत किया।भक्तों से मिलने के लिए बाबा का आज विशेष श्रृंगार किया गया। उन्हें ऑरेंज कार्नेंशन फ्लावर, लेमन ग्रास और लाल गुलाब से सजाया गया।

घर से चूरमा बनाकर लाए भक्त
श्रद्धालु अपने घरों से ही बाबा को भोग लगाने ने लिए चूरमा लेकर आए हैं। जयपुर के रहने वाले कमलेश ने बताया कि इतनी भीड़ होने के बाद भी एक से डेढ़ घंटे में दर्शन हो गए। कमलेश ने बताया कि वह बाबा को भोग लगाने के लिए अपने घर से ही घी के चूरमे के लड्डू लेकर आया था।

सिरसा से आई भक्त बोलीं, बाबा की कृपा से लव मैरिज हुई
सिरसा से आई भक्त पल्लवी ने बताया कि वह आज छठवीं बार मेले में दर्शन करने के लिए आई है। बाबा की कृपा से उसकी लव मैरिज हुई और अब उसकी सरकारी नौकरी भी लग चुकी है।

धर्मशालाओं में आज भोजन के साथ फलाहार भी
आज एकादशी पर बाबा श्याम के भक्त व्रत करते हैं। ऐसे में आज खाटू की धर्मशाला और भंडारों में भोजन के अलावा फलाहार भी दिया जा रहा है।

भक्त बाबा के दर्शन कर खोलेंगे उपवास
नगर भ्रमण के लिए श्याम बाबा का खास शृंगार भी खास किया गया था। उन्हें सूखा मेवा, ऑरेंज कार्नेंशन फ्लावर, लेमन ग्रास, लाल गुलाब और विशेष इत्र से सजाया गया था। महंत मोहनदास महाराज ने बताया कि बाबा मंदिर चौक से रथ में विराजमान होकर नगर भ्रमण पर निकले थे। जो लोग मंदिर में बाबा का दर्शन नहीं कर पाते हैं। उन्हें दर्शन देने बाबा श्याम एकादशी पर नगर भ्रमण पर निकलते हैं। खाटूश्यामजी के दर्शन कर श्रद्धालु उपवास खोलते हैं। रथ यात्रा श्याम कुंड, रेवाड़ी वालों की धर्मशाला, बस स्टैंड होते हुए कबूतर चौक पहुंची। उसके बाद वापस मंदिर लौटे। द्वादशी को बाबा को खीर-चूरमे का भोग लगने के बाद मेला पूरा होगा।

एकादशी पर आज बाबा के दरबार में लाखों भक्त पहुंचे हैं। भक्त गुलाल उड़ाकर भजनों पर झूमते हुए आए।

शादी की सालगिरह पर दर्शन करने पहुंचे भाजपा प्रदेशाध्यक्ष
भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां भी पत्नी के साथ बाबा के दर्शन करने पहुंचे। उनकी आज शादी की सालगिरह भी थी। मंदिर कमेटी मंत्री श्याम सिंह चौहान ने उनका स्वागत किया। अध्यक्ष प्रताप सिंह चौहान ने प्रतीक चिह्न भेंट किया। दर्शन के बाद पूनियां ने कहा कि उन्होंने बाबा से राजनीति और समाज में अमन-चैन और सुख-समृद्धि की मन्नत मांगी है। इस दौरान कांग्रेस पर वार करते हुए कहा कि कांग्रेस सड़क और सदन दोनों जगह चर्चा करने से भाग रही है। इस कारण विधानसभा की कार्यवाही स्थगित हुई है।

उन्होंने बताया कि भाजपा युवा मोर्चा शनिवार को जयपुर में पेपर लीक, भ्रष्टाचार और प्रदेश में अराजकता के खिलाफ प्रदर्शन करेगा। पूनियां ने वसुंधरा राजे के सालासर में जन्मदिन पर मनाने पर कहा कि राजनेता का जन्मदिन कोई शक्ति प्रदर्शन नहीं है। हर राजनेता के जन्मदिन पर लोग बड़ी संख्या में बधाई देने पहुंचते हैं।

श्रद्धालुओं पर इत्र का छिड़काव
बाबा खाटू श्याम की रथ यात्रा मंदिर के पुराने मुख्य द्वार से शुरू हुई थी। नीले घोड़े पर सवार बाबा श्याम की आरती की गई थी। इसके बाद यात्रा नगर में भ्रमण पर निकली। करीब 2 घंटे नगर भ्रमण कर वापस मंदिर पहुंची। यात्रा में शामिल होने वाले श्रद्धालुओं को रथ से टॉफियां बांटी गई थी।

भक्तों को रथ से टॉफियां दी जा रही थी। 2 घंटे भ्रमण के बाद बाबा वापस मंदिर पहुंचे।
बाबा के शृंगार में लगे 50 मिनट
मंदिर कमेटी अध्यक्ष प्रताप सिंह ने बताया कि मेले में 24 घंटे बाबा श्याम श्रद्धालुओं को दर्शन दे रहे हैं। रात 12 से 12.10 बजे तक बाबा को शयन करवाया जाता है। 50 मिनट तक बाबा का शृंगार किया जाता है। इस दौरान श्रद्धालुओं को दर्शन नहीं होते हैं। भीड़ ज्यादा होने पर इस समय में बदलाव किया जा सकता है।

एकादशी पर भीड़ ज्यादा होने के कारण 14 लाइनों को खोला गया हैं। ऐसे मेले में पहली बार हुआ हैं। लाइन में लगे भक्त अपनी बारी का इंतजार करते हुए।

जानिए बाबा खाटूश्यामजी के शृंगार से जुड़ी चीजों का क्या है महत्व

ऑरेंज कार्नेंशन – नारंगी रंग वीरता व शौर्य का प्रतीक है। इसकी पैदावार प्रमुख तौर पर महाराष्ट्र, हिमाचल, उत्तराखंड सहित पहाड़ी क्षेत्रों में होती है।
लेमन ग्रास – यह नींबू जैसी खुशबूदार घास होती है। नर्वस सिस्टम को स्वस्थ रखने के साथ ही इसे तनाव से मुक्ति में दिलाने सहायक माना जाता है।
लाल गुलाब – प्रेम का प्रतीक होता है। लाल गुलाब से रिश्ते को मजबूती मिलती है। घर में सकारात्मक ऊर्जा आती है। क्लेश दूर होता है।
सूखा मेवा – काजू-बदाम, किसमिस सहित अन्य ड्राइफ्रूट को शुभ कार्यों में काम लिया जाता है। यह अच्छी सेहत और संपन्नता का प्रतीक है।
5 लाख से ज्यादा भक्तों ने दर्शन कर लिए हैं। आज ये संख्या करीब 10 लाख होने की संभावना है।
5 लाख से ज्यादा भक्तों ने दर्शन कर लिए हैं। आज ये संख्या करीब 10 लाख होने की संभावना है।
आज 10 लाख भक्तों के दर्शन करने की संभावना
एकादशी के मौके पर बाबा खाटू श्याम में लाखों श्रद्धालु पहुंचे हैं। भीड़ को देखते हुए मेले में पहली बार 14 की 14 लाइन को खोल दिया गया है। सभी लाइन श्रद्धालुओं से अटी हुई हैं। ऐसे में श्रद्धालुओं के दर्शन करने का समय भी बढ़ गया है। मेले में अभी तक 5 लाख से ज्यादा भक्तों ने दर्शन कर लिए हैं। आज ये संख्या 10 लाख होने की संभावना हैं।

एकादशी पर रींगस से निकली पदयात्रा पर हेलीकॉप्टर से फूलों बरसाए गए थे।

द्वादशी तक भरेगा मेला

22 फरवरी से शुरू हुआ मेला 4 मार्च को द्वादशी के दिन पूरा हो जाएगा। राजस्थान, हरियाणा, गुजरात, मध्यप्रदेश समेत देश के अलग-अलग राज्यों से भक्त पहुंच रहे हैं। भक्तों के लिए बाबा का दरबार भी 24 घंटे खुला है। बाबा के भक्त पैदल यात्रा करके और हाथों में निशान लेकर आए हैं। माथे पर श्याम बाबा की पट्‌टी को बांध रखा था।

कहा जाता है कि पैदल निशान यात्रा करके श्याम बाबा को निशान चढ़ाने से बाबा शीघ्र प्रसन्न होते हैं और भक्तों की मनोकामना पूर्ण होती हैं। सनातन संस्कृति में ध्वज को विजय का प्रतीक माना जाता है। इस कारण श्री श्याम बाबा के महा बलिदान शीश दान के लिए निशान चढ़ाया जाता है। हालांकि इस बार भक्त निशान को मंदिर परिसर में नहीं ले जा पा रहे हैं।

सीसीटीवी कैमरे से रख रहे नजर
मेले में चप्पे-चप्पे पर नजर रखने के लिए 320 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। एक कंट्रोल रूम बनाया गया है। अभय कमांड सेंटर से भी जोड़ा गया है। अलग से ड्रोन भी मंगाए गए हैं। पूरे मेले में कड़ी नजर रखी जा रही हैं।

बाबा के दरबार में VVIP दर्शन बंद
मंदिर कमेटी ने प्रशासन के साथ मिलकर वीवीआईपी दर्शनों की व्यवस्था को पूरी तरह से बंद करा दिया है। पहले पीछे के रास्ते से कमेटी के ऑफिस तक लाया जाता था। कमेटी के ऑफिस के पास से बने रास्ते से मंदिर तक गार्ड लेकर जाते थे। ये रास्ता सीधे ही बाबा के सामने लगे बैरिकेड के पास तक आता था। यहां पर बाबा के सामने बैठाकर दर्शन कराए जाते थे। मोरछड़ी से आशीर्वाद दिया जाता था। दर्शन कराने के बाद पीछे के रास्ते से ही वापस लेकर आते थे।इस बार वीवीआईपी दर्शनों की व्यवस्था को पूरी तरह से बंद करा दिया है। दर्शन के लिए 14 लाइनें बनाई गई हैं। इन्हीं लाइनों से ही दर्शन कराए जा रहे हैं।

अब ये है व्यवस्था: नई व्यवस्था के तहत मंदिर कमेटी से पीछा का रास्ता तोड़ दिया गया है। दर्शन के लिए 14 लाइनें बनाई गई हैं। इन्हीं लाइनों से ही दर्शन कराए जा रहे हैं। दर्शन के बाद तीन रास्तों से सीधे श्रद्धालु बाहर निकल जाते हैं

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