उदयपुर के आदिवासी महिलाओं का बनाया हर्बल गुलाल की देश भर में डिमांड

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झाड़ोल, कोटड़ा व फलासिया में आदिवासी महिला समूह बना रहे हैं हजारों किलो हर्बल गुलाल

उदयपुर, 4 मार्च (ब्यूरो)। जिला प्रशासन उदयपुर के ‘मिशन कोटड़ा’ में निखरे हुनर के रंगों से इस बार देश-प्रदेश में होली मनाई जाएगी। होली पर आ रही मांग को देखते हुए झाड़ोल, कोटड़ा, फलासिया की महिला स्वयं सहायता समूहों की सैकड़ों महिलाओं द्वारा यह हर्बल गुलाल लगातार तैयार कर बाजार में उपलब्ध कराई जा रही है।
वर्तमान में जिले के कोटड़ा व झाड़ोल ब्लॉक के श्रीनाथ राजीविका वन-धन विकास केन्द्र मगवास, उजाला राजीविका वन-धन विकास केन्द्र जुड़ा व प्रगति राजीविका महिला सर्वांगीण विकास सहकारी समिति लिमिटेड गोगरुद द्वारा यह हर्बल गुलाल तैयार की जा रही है। राजीविका स्वयं महिलाओं द्वारा सहायता समूह की महिलाओं द्वारा शुद्ध प्राकृतिक फूल एवं पत्तियों यह हर्बल गुलाल तैयार की गई है। उदयपुर में आम लोगों की बिक्री के लिए सौ, दो सौ और तीन सौ ग्राम के पाउच बनाए गए हैं, जो शहर में वन विभाग की ओर से लगाए स्टॉल पर तय कीमत पर बेचे जा रहे हैं।
आईएएस अधिकारी भी खेलेंगे उदयपुर की हर्बल गुलाल की होली:
उदयपुर की आदिवासी महिलाओं के स्वयं सहायता समूहों द्वारा बनाई गई हर्बल गुलाल न सिर्फ आमजनों अपितु आईएएस अधिकारियों को भी बड़ी पसंद आ रही है। लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी, मसूरी में प्रशिक्षणरत आईएएस अधिकारियों ने यहां से 75 किलो हर्बल गुलाल मंगवाई है। इसी प्रकार से जयपुर सचिवालय के अधिकारियों के लिए 75 किलोग्राम तो राजीविका और पंचायती राज विभाग, जयपुर के अधिकारियों ने भी 85 किलोग्राम हर्बल मंगाई है।
दिल्ली के प्रगति मैदान में भी पहुंचा हर्बल गुलाल
गत दिनों दिल्ली के प्रगति मैदान में आयोजित हुए आदि महोत्सव में 100 किलोग्राम हर्बल गुलाल भेजा गया, जिसे देशभर के लोगों ने उत्साह के साथ खरीदा और इसकी गुणवत्ता की तारीफ भी की। इसके साथ ही उदयपुर की विभिन्न पंचायत समितियों में लगभग 1 हजार किलोग्राम हर्बल गुलाल की आपूर्ति की गई है। ट्राईफेड और सहकारिता उपभोक्ता भंडारों पर भी हर्बल गुलाल को बिक्री के लिए उपलब्ध कराया गया है।

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