इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हत्या के प्रयास मामले में पूर्व सांसद अतीक अहमद के बेटे को जमानत देने से इनकार किया

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इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हत्या के प्रयास के मामले में बाहुबली के बेटे और पूर्व सांसद और विधायक अतीक अहमद को जमानत देने से इनकार करते हुए सोमवार को कहा कि अली खुद माफिया डॉन बनाने की फिराक में है, उमेश पाल मर्डर केस में भी उसकी भूमिका सामने आई है। उमेश पाल विधान सभा के मौजूदा सदस्य राजू पाल की हत्या के मामले में मुख्य गवाह थे। 24 फरवरी को उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में उमेश पाल आवास के बाहर हमलावरों ने गोली मारकर उनकी हत्या कर दी थी।
जस्टिस दिनेश कुमार सिंह की बेंच ने अली अहमद का हवाला देते हुए कहा कि अगर ऐसा अपराधी जमानत पर जेल से बाहर आता है तो यह न केवल गवाहों के लिए बल्कि समाज के लिए भी खतरा होगा। अहमद ने 2021 के एक मामले के संबंध में जमानत के लिए हाईकोर्ट का रुख किया था जिसमें उस पर शिकायतकर्ता और उसके परिवार को जान से मारने की धमकी देते हुए 5 करोड़ रुपये की जबरन वसूली की मांग करने का आरोप लगाया गया था। उक्त घटना में शिकायतकर्ता व परिवार के अन्य सदस्यों को काफी चोटें आई। आरोप यह भी है कि जब परिवादी खुद को बचाने के लिए भाग रहा था तो आरोपी-आवेदक व एक असद ने पिस्टल से फायरिंग कर दी थी। हालांकि, शिकायतकर्ता बच गया।अहमद के वकील ने सोमवार को अदालत के समक्ष उसका प्रतिनिधित्व नहीं किया, अदालत ने राज्य के वकील की सहायता से याचिका का फैसला किया। अदालत ने अपने आदेश में उसे जमानत देने से इनकार करते हुए यह भी कहा कि वह सबसे खूंखार अपराधियों में से एक, बाहुबली और माफिया डॉन अतीक अहमद का बेटा है, जिस पर हत्या, अपहरण, हत्या के सौ से अधिक आपराधिक मामले दर्ज हैं। इसके अलवा उस पर जबरन वसूली, फिरौती, संपत्ति हड़पना और अन्य जघन्य अपराध के मामले दर्ज हैं।
सके अलावा, यह देखते हुए कि माफिया डॉन और उसके परिवार ने अपराध की आय से इस तरह से कई सौ करोड़ की संपत्ति और संपत्ति अर्जित की है, अदालत ने उसे जमानत देने से इनकार कर दिया।

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