वीरांगनाओं के नाते बैठने और किरोड़ी के कृत्य को आतंकी बताने पर हंगामा

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धारीवाल का जवाब-नाते गई महिला देवर के लिए नौकरी मांगे तो कैसे दें

विधानसभा की वैल में विपक्ष की नारेबाजी

राठौड़ की चुनौती-वीरांगना नाते गई साबित करो, आज ही इस्तीफा दे दूंगा

जयपुर,13 मार्च (ब्यूरो) : वीरांगनाओं के नाते बैठ जाने और राज्यसभा सांसद डॉ. किरोड़ी लाल मीणा के कृत्य को आतंकी बताने पर सोमवार को सदन में जमकर हंगामा हुआ। सरकार की ओर से संसदीय कार्यमंत्री शांति धारीवाल के इस जवाब से नाराज भाजपा सदस्यों ने नारेबाजी करते हुए वैल में प्रदर्शन किया। इस बीच सदन की कार्यवाही 10 मिनट के लिए स्थगित हुई। हालांकि दो घंटे तक चले गतिरोध के बाद विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी ने आपत्तिजनक शब्द कार्यवाही सेे हटाने का आश्वासन दिया, जिसके बाद हंगामा शांत हुआ। शून्यकाल के दौरान यह मामला उठा, लेकिन स्पीकर ने दोपहर 2 बजे राज्य सरकार की ओर से इस पर जवाब दिए जाने की व्यवस्था दी। सरकार की ओर से जवाब देते हुए धारीवाल ने तल्ख शब्दों में वीरांगनाओं की मांगों को गैर-वाजिब बताते हुए कहा कि किसी भी मंत्री ने इनसे कोई वादा नहीं किया था। इस दौरान एक वीरांगना के लिए अपने देवर के साथ नाते जाने की बात कही तो विपक्षी सदस्य उखड़ गए। धारीवाल ने मामले में तीन एफआईआर दर्ज करने के साथ ही किरोड़ी लाल मीणा के कृत्यों की तुलना आतंकी से कर दी। मंत्री के बयान पर सदन में हंगामा हो गया। उप नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने यहां तक कह दिया कि अगर सरकार साबित कर दे कि वीरांगना नाते गई है तो मेरा इस्तीफा ले लिया जाए, अन्यथा वीरांगना के लिए ऐसी बात बोलने वाले मंत्री को इस्तीफा देना चाहिए। उन्होंने कहा कि आपके पास क्या प्रमाण है कि वीरांगना नाते पर गई है। यह शर्म की बात है कि किसी के चरित्र पर ऐसे सवाल खड़े किए जाएं। हम इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे। मामले पर हंगामा हुआ तो कार्यवाही 10 मिनट के लिए स्थगित कर दी गई। कार्यवाही दोबारा शुरू हुई तो भाजपा सदस्यों की नारेबाजी और हंगामा जारी रहा। भाजपा की ओर से मदन दिलावर ने कहा कि वीरांगनाओं के साथ पुलिस की मारपीट शर्मनाक कृत्य है। मारपीट करने वाले देशद्रोही हैं।

किरोड़ी का कृत्य आतंकी जैसा : धारीवाल
इससे पहले धारीवाल ने कहा कि राजनीति में रुचि रखने वाला हर व्यक्ति जानता है कि किरोड़ी लाल मीणा किस तरह का कृत्य करते हैं और वह कृत्य किसी आतंकी से कम नहीं होता। अगर किरोड़ी लाल जैसे सांसद, विधानसभा सदस्य और मंत्री रहे हैं और नियम जानते हुए नियम विरुद्ध आंदोलन कर रहे हैं तो सरकार उसे बर्दाश्त नहीं कर सकती। सरकार शहीदों के सम्मान में दिए जाने वाले पैकेज में पिछली सरकार से कई गुना बढ़ोतरी कर चुकी है। मामले में अजीब तमाशा हो रहा है। महिला का देवर पहले से शादीशुदा है और उसके दो बच्चे हैं। महिला उसके नाते चली गई, अब कहती हैं कि मेरे देवर को नौकरी दे दो, क्या अजीब तमाशा है। क्या ऐसा कभी हुआ है। नियम के विरुद्ध नौकरी किसी को नहीं मिलती। उन्होंने कहा कि देवर को नौकरी दिए जाने की वीरांगना की मांग अनुचित है। प्रदेश के विभिन्न अंचलों की वीरांगनाओं ने भी इस मांग को गैरवाजिब ठहराया है। धारीवाल ने कहा कि देवर को परिवार की परिभाषा में शामिल नहीं किया जाता है।

वीरांगनाओं से बदसलूकी हुई : केजरीवाल
उधर, जयपुर एयरपोर्ट पर पत्रकारों से बात करते हुए दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने वीरांगनाओं के मुद्दे पर राज्य सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, मुझे बड़ा दुख है कि शहीदों की वीरांगनाओं से बदसलूकी की गई। शहीदों के परिजनों को हम दिल्ली में एक करोड़ रुपए देते हैं। देवर की नौकरी की मांग पर केजरीवाल ने बताया कि वीरांगना के पति ने देश के लिए शहादत दी। अब शहीद के परिवार से किसी को तो नौकरी देनी ही है तो इसमें गलत क्या है।

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