एस जयशंकर बोले- जॉर्ज सोरोस बूढ़े, जिद्दी और खतरनाक:विदेश मंत्री ने कहा- उन्हें लगता है दुनिया उनके हिसाब से चले.. हम उन देशों में नहीं

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भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अमेरिका के बिलेनियर कारोबारी जॉर्ज सोरोस को बूढ़ा, अमीर, जिद्दी और खतरनाक बताया है। सोरोस ने पिछले दिनों पीएम नरेंद्र मोदी पर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। कहा था कि वे लोकतंत्रिक देश के नेता हैं, लेकिन खुद लोकतांत्रिक नहीं हैं। वो मुसलमानों के साथ हिंसा कर तेजी से बड़े नेता बने हैं।

जयशंकर ने ऑस्ट्रेलिया दौरे पर सोरोस के बयानों का जवाब दिया। उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों को लगता है कि अगर उनकी पसंद का व्यक्ति चुनाव जीतता है, तो वो चुनाव अच्छा था, लेकिन अगर नतीजा कुछ और निकले तो वो देश के लोकतंत्र में खामियां ढूंढ़ने लगते हैं। वो चाहते हैं कि दुनिया उनके हिसाब से चले।हमारा लोकतंत्र ऐसा नहीं
जयशंकर ने कहा, “हमारे लोकतंत्र में लोग बढ़चढ़ कर चुनाव में हिस्सा लेता हैं जो अभूतपूर्व है, हमारे चुनाव नतीजे पर पहुंचते हैं। चुनाव की प्रक्रिया पर सवाल नहीं उठते हैं। हम उन देशों में से नहीं हैं जहां चुनाव के बाद अदालत में मध्यस्थता कराई जाती है”।

जॉर्ज सोरोस ने भारत और रूस के संबंधों पर भी सवाल उठाए थे
म्यूनिख सिक्योरिटी काउंसिल की मीटिंग में बोलते हुए अमेरिकी अरबपति जॉर्ज सोरोस ने कहा था कि भारत क्वाड का मेंबर है, जिसमें ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका और जापान भी उसके साथ हैं। इसके बावजूद भारत रूस से बड़े डिस्काउंट पर तेल खरीदकर मुनाफा कमा रहा है।
सोरोस ने CAA, 370 पर भी विवादित बयान दिए
सोरोस ने भारत में नागरिकता संशोधन कानून यानी CAA और कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाए जाने पर भी PM मोदी पर निशाना साधा था। सोरोस ने दोनों मौकों पर कहा था कि भारत हिंदू राष्ट्र बनने की तरफ बढ़ रहा है। दोनों ही मौकों पर उनके बयान बेहद तल्ख थे और वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला बोलते दिखाई दिए थे।

कौन है PM की आलोचना करने वाले जॉर्ज सोरोस?
92 साल के जॉर्ज सोरोस दुनिया के सबसे अमीर लोगों में से एक हैं। सोरोस एक यहूदी हैं, जिस वजह से सेकेंड वर्ल्ड वॉर के समय उन्हें अपना देश हंगरी छोड़ना पड़ा था। 1947 में वे लंदन पहुंचे। उन्होंने लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स में फिलासफी की पढ़ाई की।

फोर्ब्स की रिपोर्ट के मुताबिक साल 16 सितंबर 1992 में ब्रिटेन की करेंसी पाउंड में भारी गिरावट दर्ज की गई थी। जिसके पीछे जॉर्ज सोरोस का हाथ माना गया था। इसके चलते उन्हें ब्रिटिश पाउंड को तोड़ने वाला इंसान भी कहा जाता है।

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