उदयपुर, 20 मार्च। भारत के जी 20 की अध्यक्षता के तहत द्वितीय जी 20 सतत वित्त कार्य समूह की बैठक 21 से 23 मार्च को उदयपुर में होने जा रही है। जिसमें भाग लेने के लिए विभिन्न देशों के 90 से अधिक प्रतिनिधियों के अलावा इंटरनेशनल स्तर के संगठनों के आमंत्रित उदयपुर पहुंच चुके हैं। ये लोग वर्ष 2023 के लिए कार्ययोजना और प्राथमिकता वाले क्षेत्रों पर विस्तृत चर्चा करेंगे। उदयपुर में होने वाली बैठक की अध्यक्षता भारत सरकार के वित्त सचिव करेंगे। बैठक में इंटरनेशनल एक्सपर्ट के अलावा राज्य और केंद्र सरकार के अधिकारी भी लेंगे।
डायरेक्टर ऑफ इकोनोमिक अफेयर्स की सलाहकार गीतू जोशी ने पत्रकार वार्ता में बताया कि जी 20 सतत वित्त कार्य समूह की दूसरी बैठक में तीन तय प्राथमिकता वाले क्षेत्रों के संबंध में चर्चा होगी। जिसमें जलवायु वित्त के लिए समय पर और पर्याप्त संसाधन जुटाने के लिए तंत्र, सतत विकास लक्ष्यों के लिए वित्त का प्रभावी प्रबंधन और सतत विकास की दिशा में वित्त पोषण के लिए पारिस्थितिकी तंत्र की क्षमता के निर्माण पर फिर से विचार शामिल है। उदयपुर में होने वाली बैठक में दो कार्यशालाओं का आयोजन होगा, जिसमें सतत निवेश का समर्थन करने के लिए गैर मूल्य निर्धारण नीति की उपयोगिता पर जी 20 कार्यशाला के अलावा सतत विकास लक्ष्यों के लिए प्रभावी वित्त व्यवस्था पर कार्यशाला शामिल है। इन कार्यशालाओं में प्रासंगिक विषयों पर विस्तृत चर्चा ओर अंतदृष्टि के लिए विशेषज्ञों के विचार, अनुभव ओर तकनीकी जानकारी के आदान-प्रदान की सुविधा मिलने की संभाना है।
डीईए की सलाहकार चांदनी रैना ने बताया कि जी 20 की 21 मार्च को होने वाली कार्यशाला राष्ट्रीय परिस्थितियों ओर राष्ट्रीय स्तर पर परिभाषित विकास प्राथमिकताओं पर उचित विचार के सााि कम कार्बल विकास को सक्षम करने में गैर मूल्य निर्धारण नीति की उपयोगिता की प्रभावशीलता को बेहतर ढंग से समझने पर ध्यान केंद्रीत करेगी। दूसरी ओर, सतत विकास लक्ष्यों के लिए वित्त व्यवस्था पर जी 20 कार्यशाला 22 मार्च को आयेजित होगी। यह पहली बार है जब एसएफडब्ल्यूजी जलवायु संबंधी मुद्दों से परे जाकर मुख्य रूप से प्रकृति से संबंधित डेटा और रिपोर्टिंग के साथ सामाजिक प्रभाव निवेश के माध्यम से चुनिंदा सतत विकास लक्ष्यों के लिए अधिकाधिक वित्त पोषण को संभव बनाने के लिए बातचीत होगी।
उन्होंने बताया कि भारत की जी 20 अध्यक्षता के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए विभिन्न जन भागीदारी कार्यक्रम उदयपुर में जारी हैं। इन आयोजनों में एमएसएमई उद्यमियों के लिए टाउनहाल बैठक, सतत विकास लक्ष्य वित्त पोषण अंतर पाटने पर संगोष्ठी, आईआईएम उदयपुर में माइक्रोफाइनलेंस की भूमिका, ग्रीन फाइनेस-ए वे फारवर्ड पर सम्मेलन, डिजिटल बैंकिंग शिक्षा कार्यक्रम, साइबर स्वच्छता ओर साइबर सुरक्षा पर सत्र आदि शामिल थे।
डीईए के निदेशक जीतेंद्र सिंह राजे ने बताया कि जलवायु बजट टैंगिग-सीबीटी पर अनुभव एकत्रित कर घरेलु सहायक कार्यक्रम भी आयोजित किए जा रहे हैं। कार्यशालाओं मं बेहतर निगरानी के उद्देश्य से जलवायु संबंधी व्यय को टैग कर इंटरनेशनल तथा स्थानीय स्तर की गई पहलों पर चर्चा होगी।