पाली 3 मार्च ओम वैष्णव अब एक बार फिर से रेखा भाटी नगरपरिषद सभापति का दायित्व संभालेंगी। रेखा भाटी के निलंबन आदेश पर शुक्रवार को राजस्थान उच्च न्यायालय ने स्टे प्रदान किया है। इस मामले में अब अगली सुनवाई 8 मार्च को होगी, तब तक के लिए रेखा भाटी को राहत मिल गई है और वे ही सभापति का कार्यभार संभालेगी।
रेखा भाटी ने स्वयं की पैरवी
राज्य सरकार द्वारा जारी किए इस निलंबन आदेश पर स्थगन आदेश प्राप्त कर राहत पाने के लिए रेखा भाटी ने हाईकोर्ट की शरण ली और वकीलों की हडताल के चलते शुक्रवार को रेखा भाटी अपनी पैरवी के लिए स्वयं कोर्ट में उपस्थित हुई। इस दौरान उन्हौने राज्य सरकार के पांच वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा 15 फरवरी को तैयार की गई जांच रिपोर्ट हाईकोर्ट में प्रस्तुत की। उक्त रिपोर्ट को रिकार्ड पर लेते हुए न्यायालय ने कहा कि इस रिपोर्ट में प्रार्थी के विरुद्ध कोई उत्तेजक आरोप नहीं है। न्यायालय में कहा कि रेस्पोडेंट्स को नोटिस जारी हो। सुनील बेनीवाल विद्वान एडिशनल ऐडवोकेट जनरल केवियटर के रूप में उपस्थित हुवे और राज्य की तरफ से नोटिस प्राप्त किए, राज्य की तामिल पूरी हुई। 8 मार्च 2023 को केस सूचीबद्ध हो, तब तक 14 फरवरी 2023 की पालना प्रभाव स्थगित रहेगा। रेस्पोडेन्ट को छूट है कि वे अनुच्छेद 226(3) भारतीय संविधान के तहत अंतरिम आदेश को निरस्त करवाने हेतु आवेदन कर सकेंगे।
नेतल मेवाडा बनी थी सभापति
गौरतलब है कि नगरपरिषद सभापति रेखा भाटी को गत माह 14 फरवरी को विभागीय आदेश क्रमांक एफ 2(ब) ( )जांच / डीएलबी / 2022/500 द्वारा निलम्बित कर दिया गया था और इसके बाद 17 फरवरी को राज्य सरकार ने राजस्थान नगरपालिका अधिनियम, 2009 की धारा 50 (1) (प) (क) में प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए पार्षद नेतल मेवाडा को सभापति के पद का कार्यभार ग्रहण करने हेतु अधिकृत कर दिया गया था। इसके तुरंत बाद उसी दिन नेतल मेवाडा ने सभापति का पदभार भी ग्रहण कर लिया था।
इसलिए हुआ था निलंबन
नगर परिषद ठेकेदार हनुमान सिंह राजपुरोहित के सुसाइड प्रकरण को लेकर राज्य सरकार ने गंभीरता लेते हुए पाली नगर परिषद सभापति रेखा राकेश भाटी को 14 फरवरी को निलंबित कर दिया था। स्वायत्त शासन द्वारा जारी आदेश में हवाला दिया गया था कि मृतक हनुमान सिंह के सुसाइड नोट मे भुगतान को लेकर सभापति पर गंभीर आरोप लगाए गए थे । उक्त प्रकरण की जाँच उपनिदेशक स्थानीय निकाय विभाग द्वारा की जा रही है , सभापति के पद पर रहते हुए जाँच प्रभावित होने की संभावना है । इस बात का हवाला देते हुए सरकार ने पालिका अधिनियम 2009 की धारा (39) के अंतर्गत नगर परिषद सभापति रेखा भाटी को निलंबित किया गया है । पाली में नगरपरिषद के ठेकेदार द्वारा की गई आत्महत्या के मामले को विधायक ज्ञानचंद पारख ने गंभीर मुद्दे के रूप में उठाया था, उसके बाद राज्य सरकार द्वारा रेखा भाटी के निलंबन की कार्यवाही की गई थी।