वकीलों व मंत्रिमंडल उप समिति की बैठक में बनी सहमति, आंदोलन वापसी पर संघर्ष समिति की बैठक में होगा निर्णय
जयपुर, 9 मार्च (ब्यूरो): प्रदेश में वकीलों की सुरक्षा को लेकर बनाया गया एडवोकेट प्रोटेक्शन बिल राज्य सरकार की ओर से 15 मार्च को विधानसभा में पेश किया जाएगा। वहीं 21 मार्च को इसे बीएसी के समक्ष रखकर पारित कराने की कार्रवाई की जाएगी। यह निर्णय गुरुवार को मंत्रिमंडल उप समिति और वकीलों के बीच हुई बैठक में लिया गया। विधि व संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में कैबिनेट मंत्री लालचंद कटारिया, रामलाल जाट व राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) सुभाष गर्ग वीसी के जरिए और कैबिनेट मंत्री महेश जोशी व प्रतापसिंह खाचरियावास फिजिकली शामिल हुए। वहीं प्रमुख विधि सचिव ज्ञान प्रकाश गुप्ता, विधि सचिव अनुपमा बिजलानी व एजी के प्रतिनिधि के तौर पर एएजी डॉ. विभूति भूषण शर्मा उपस्थित हुए। जबकि वकीलों की ओर से द बार एसोसिएशन जयपुर के अध्यक्ष कमल किशोर शर्मा, महासचिव मनोज कुमार शर्मा, एडवोकेट बार एसोसिएशन जोधपुर के अध्यक्ष रणजीत जोशी, लॉयर्स बार एसोसिएशन जोधपुर के अध्यक्ष रवि भंसाली, हाईकोर्ट बार एसोसिएशन जयपुर के महासचिव बलराम वशिष्ठ व द डिस्ट्रिक्ट बार एसोसिएशन जयपुर के अध्यक्ष विवेक शर्मा व महासचिव गजराज सिंह राजावत ने हिस्सा लिया।
विधि व संसदीय कार्य मंत्री धारीवाल ने कोटा से वीसी के जरिए जुडक़र वकील प्रतिनिधियों से कहा कि प्रोटेक्शन एक्ट को लागू करने की राज्य सरकार की मंशा पहले भी थी और अब भी है। राज्य सरकार ने 2021 में भी बीसीआर को बिल भेजकर सुझाव मांगे थे। उन्होंने वकीलों से कहा कि चाहे तो वे दो दिन में अपने सुझाव दे दें। जिस पर बार प्रतिनिधियों ने कहा कि बीसीआर बिल पर विचार कर उसे पहले ही राज्य सरकार को लौटा चुका है। ऐसे में राज्य सरकार मौजूदा प्रोटेक्शन बिल को ही पारित कर एक्ट को लागू कर दे। जिस पर दोनों पक्षों की सहमति से बिल को 15 मार्च को विधानसभा में पेश करने और 21 को पारित करने का निर्णय लिया गया।
दरअसल, बीसीआर के तत्कालीन चेयरमैन चिरंजीलाल सैनी ने 22 जनवरी, 2020 को राज्य सरकार को पत्र भेजकर उसके सौ दिन की कार्ययोजना में शामिल प्रोटेक्शन एक्ट को लागू करने की बात कही थी। गत 18 फरवरी को जोधपुर में वकील की हत्या के बाद वकीलों ने प्रोटेक्शन एक्ट की मांग करते हुए बीस फरवरी से न्यायिक बहिष्कार शुरू किया था। अधिवक्ता संघर्ष समिति के मुख्य संयोजक कमल किशोर शर्मा ने बताया कि राज्य सरकार व वकीलों के बीच हुई बैठक में हुए निर्णय को शुक्रवार को संघर्ष समिति की बैठक में रखा जाएगा। उसमें ही न्यायिक कार्य बहिष्कार को स्थगित या वापस लेने और 13 को विधानसभा घेराव पर निर्णय लिया जाएगा।
हाईकोर्ट ने जारी किए नोटिस
हाईकोर्ट ने भी वकीलों के न्यायिक कार्य बहिष्कार के मामले में लिए स्वप्रेरित प्रसंज्ञान मामले में गुरुवार को हाईकोर्ट बार एसोसिएशन जोधपुर व जयपुर सहित अन्य बार एसोसिएशनों के पदाधिकारियों को नोटिस जारी कर 21 मार्च तक जवाब मांगा है। एक्टिंग सीजे एमएम श्रीवास्तव व जस्टिस विजय बिश्नोई ने यह आदेश दिए। बता दें कि एडवोकेट प्रोटेक्शन बिल को लागू करने की मांग को लेकर पूरे राजस्थान के वकील हड़ताल पर हैं। पिछले दिनों जोधपुर गए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मिलकर वकीलों ने अपनी मांग रखी थी। उसके बाद ही सरकार ने उनकी मांगों पर हांमी भरी है।