इलाहाबाद हाई कोर्ट ने जालौन की एक याचिकाकर्ता की याचिका पर सुनवाई की। इस दौरान पासपोर्ट नवीनीकरण को लेकर इलाहाबाद हाई कोर्ट ने तल्ख टिप्पणी की। हाई कोर्ट ने कहा है कि अगर आपराधिक मुकदमा विचाराधीन है तो पासपोर्ट को रिन्यू कराने से रोका नहीं जा सकता है। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने जालौन निवासी एक व्यक्ति की याचिका पर सुनवाई करते हुए पासपोर्ट अधिकारी को पासपोर्ट के नवीनीकरण करने के निर्देश दिए हैं।
26 जून 2023 को खत्म हो गई है समय सीमा
दरअसल, इलाहाबाद हाई कोर्ट ने जालौन जिले के निवासी सैय्यद गयासुद्दीन के पासपोर्ट के रिन्यू नहीं होने पर पासपोर्ट अधिकारी को निर्णय लेने का निर्देश दिया है। याची के खिलाफ थाना कोतवाली कालपी में एफआईआर दर्ज है। जिसके कारण पासपोर्ट का नवीनीकरण नहीं किया जा रहा है। पासपोर्ट की अवधि 26 जून 2023 को समाप्त हो चुकी है। जिसके लिए याचिकाकर्ता की याचिका पर हाई कोर्ट में सुनवाई जारी थी, जिस पर कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए पासपोर्ट अधिकारी को नवीनीकरण को लेकर आदेशित किया है।आपराधिक मामला विचाराधीन तो रिन्यू से न रोकें
यह आदेश न्यायमूर्ति शेखर बी सराफ और न्यायमूर्ति विपिन चंद्र दीक्षित की खंडपीठ ने याची गयासुद्दीन के अधिवक्ता चन्द्र कान्त त्रिपाठी की याचिका पर दिया है। भारत सरकार के अधिवक्ता ने याचिका का विरोध किया। कोर्ट ने पवन कुमार राजभर बनाम भारत संघ केस का हवाला देकर कहा कि आपराधिक प्रक्रिया विचाराधीन होने पर पासपोर्ट के नवीनीकरण को रोका नहीं जा सकता है और याचिका को निस्तारित कर दिया है।