पर्यावरणीय स्थिरता प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण और वैश्विक पारिस्थितिकी तंत्र की सुरक्षा करने के लिए आवश्यक : प्रो.एसके सिंह, कुलपति
कोटा, 09 अक्तूबर :राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय कोटा मे “पर्यावरणीय स्थिरता: प्रौद्योगिकी और स्वदेशी ज्ञान प्रणाली के माध्यम से समाधान” विषय पर अक्षय ऊर्जा और इको-क्लब विभाग, राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय कोटा द्वारा दो दिवसीय राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस का आयोजन की गई। कॉन्फ्रेंस के उद्घाटन सत्र में आज मुख्य अतिथि लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने अपना संदेश प्रसारित किया। कार्यक्रम में प्रोफेसर संजय जैन कुलाधिपति भगवान महावीर यूनिवर्सिटी सूरत विशेष अतिथि के तौर पर सम्मिलित हुए। कार्यक्रम की अध्यक्षता श्रीमती नीलिमा सिंह कुलपति कोटा यूनिवर्सिटी ने की, कार्यक्रम में विशेष अतिथि के तौर पर पर्यावरण संरक्षण गतिविधि के राष्ट्रीय संयोजक श्रीमान गोपाल आर्य उपस्थित रहे। कुलपति राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय, कोटा के प्रोफेसर एस.के.सिंह के मार्गदर्शन आयोजित इस राष्ट्रीय सम्मेलन में देश के विभिन्न विश्वविद्यालयों के एनवायरमेंटल नोडल अधिकारी, शोधकर्ता और विद्यार्थी भी उपस्थित हुए।
मुख्य अतिथि ओम बिरला ने अपने संदेश में कहा कि हमारे देश की जलवायु का क्षरण हो रहा है जिसे ध्यान में रखते हुए सरकार के पूर्व पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने भारत के स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर भारत के विश्वविद्यालयो से कहा कि हमें नाट जीरो- नेट जीरो आंदोलन शुरू करने का संकल्प लेना है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस द्वारा संयुक्त रूप से शुरू किए गए मिशन लाइफ लाइफ़स्टाइल चेंज फॉर एनवायरमेंट से प्रेरित होकर यह आंदोलन जीवन के लिए खतरा पैदा करने वाले जलवायु संकट के प्रति भारत की पहले से सुनियोजित प्रक्रिया को गति देगा और कहा की विश्वविद्यालयों के युवाओं को कार्बन तटस्थ होने के लिए कौशल प्रदान करना है।
कुलपति प्रो.एसके सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि पर्यावरणीय स्थिरता प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण और वैश्विक पारिस्थितिकी तंत्र की सुरक्षा करने के लिए आवश्यक है। आज के मानव समाज को सामाजिक रूप से जिम्मेदार होना चाहिए, हमें पर्यावरण संरक्षण और मानव और प्राकृतिक प्रणालियों में गतिशील संतुलन पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए श्रीमती नीलिमा सिंह ने कहा की आज देश के युवाओं को पर्यावरण के प्रति सजग होने की आवश्यकता है एवं जो भी कार्य हम करें वह पर्यावरण को ध्यान में रखकर करें। इस अवसर पर उन्होंने अपने उद्बोधन में कहा की आज हमें सस्टेनेबल डेवलपमेंट की आवश्यकता है, उन्होंने कहा कि विकास हमारी मौलिक आवश्यकता है परंतु यह विकास हमें पर्यावरण को ध्यान में रखकर ही करना होगा, इसी विषय को ध्यान में रखकर देश के विभिन्न विश्वविद्यालय के विशेषज्ञों को आमंत्रित किया गया एवं सम्मेलन में पर्यावरण के सतत विकास प्रक्रिया पर विशेषज्ञो द्वारा मंथन किया जाएगा,जो भी निष्कर्ष निकलेगा उसे सभी विश्वविद्यालयो में लागू किया जाएगा।