जयपुर, 14 मई। राजस्थान हाईकोर्ट में बुधवार को एकल पट्टा प्रकरण को लेकर सुनवाई हुई। पूर्व आईएएस जीएस संधू की ओर से मामले में अपना पक्ष रखा गया। वहीं अदालत ने मामले में गुरुवार को सुनवाई जारी रखना तय किया है। सीजे एमएम श्रीवास्तव की एकलपीठ ने यह आदेश पूर्व मंत्री शांति धारीवाल, जीएस संधू, निष्काम दिवाकर और ओंकार मल सैनी की ओर से दायर सात आपराधिक याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए दिए।
सुनवाई के दौरान संधू की ओर से अधिवक्ता एसएस होरा ने पक्ष रखा। उनकी ओर से कहा गया कि टोडी रामजानीपुरा की 3.43 हेक्टर जमीन के एकल पट्टे के लिए पूर्व में जेडीए में आवेदन किया गया था। जमीन तय सीमा से अधिक होने के कारण जेडीए ने साल 2005 में प्रकरण राज्य सरकार को भेजा था। जिस पर राज्य सरकार ने पट्टा देने से इनकार कर दिया। वहीं साल 2009 में आवेदन होने पर जेडीए ने मामले को पुन: राज्य सरकार के समक्ष भेजा। राज्य सरकार ने साल 2011 में पट्टा जारी कर दिया। वहीं तकनीकी कारणों के चलते साल 2013 में एकल पट्टा निरस्त कर दिया गया। संधू की ओर से कहा गया कि पट्टा निरस्त होने के बाद रामशरण सिंह ने साल 2014 में एसीबी में शिकायत दी थी। ऐसे में कोई अपराध नहीं बनता है। इसके अलावा राज्य सरकार ने भी एसीबी कोर्ट में प्रार्थना पत्र पेश कर मुकदमा वापस लेने की बात कही थी। इसलिए प्रकरण की कार्रवाई को रद्द किया जाए। गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर राजस्थान हाईकोर्ट के सीजे प्रकरण की सुनवाई कर रहे हैं।