जयपुर, 19 जुलाई। राजस्थान हाईकोर्ट ने अदालती आदेश का पालन नहीं करने से जुडे मामले में प्रमुख शिक्षा सचिव, निदेशक माध्यमिक शिक्षा और संयुक्त निदेशक ट्रेनिंग सहित अन्य को अवमानना नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है। जस्टिस विनोद कुमार भारवानी की एकलपीठ ने यह आदेश देवेन्द्र कुमार की अवमानना याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई करते हुए दिए।
याचिका में अधिवक्ता विजय पाठक ने बताया कि याचिकाकर्ता करौली जिले के राजकीय सीनियर स्कूल, सूरौठ में लैब असिस्टेंट के पद पर कार्यरत है। उसने विभाग की अनुमति लेकर प्री-बीएड परीक्षा दी, लेकिन उसे कोर्स करने के लिए स्टडी लीव का लाभ नहीं दिया।
वहीं बाद में हाईकोर्ट ने विभाग को उसे बीएड कोर्स करने के लिए स्टडी लीव देने के लिए दो सप्ताह में निर्णय करने का निर्देश दिया, लेकिन इस आदेश की भी पालना नहीं की गई। जबकि राजस्थान सेवा नियम के नियम 110 में प्रावधान है कि राज्य सरकार संबंधित कोर्स से होने वाले प्रशासनिक फायदे को देखते हुए कर्मचारी को कोर्स करने की अनुमति दे सकती है।
याचिकाकर्ता का कहना था कि यदि उसे बीएड कोर्स की मंजूरी मिलती तो वह स्कूल के बच्चों को और अधिक प्रभावी तरीके से पढ़ा सकेगा। इसलिए आदेश का पालन करवाया जाए। जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों को अवमानना नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है।