‘सहमति से संबंध, शादी का वादा झूठा नहीं था’: केरल हाईकोर्ट ने रेप केस को खारिज किया

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केरल हाईकोर्ट ने मंगलवार को 31 वर्षीय एक व्यक्ति के खिलाफ बलात्कार के मामले को यह देखते हुए खारिज कर दिया कि वह और शिकायतकर्ता सहमति से संबंध में थे और उसने शादी का वादा धोखा देने के इरादे से नहीं किया था। आरोपी और शिकायतकर्ता ने मलयालम सीरियल ‘आकाशदूत’ में साथ काम किया था। आईपीसी की धारा 417, 354 ए, 354 बी और 376 के तहत 2017 में दर्ज मामले में आरोप लगाया गया है कि आरोपी ने महिला से शादी का झूठा वादा किया और कई जगहों पर उसका “यौन उत्पीड़न” किया। यह भी आरोप लगाया गया कि वह बाद में शादी के वादे से मुकर गया और दूसरी लड़की से शादी करने की तैयारी करने लगा।
जस्टिस कौसर एडप्पागथ ने दोहराया कि शादी के झूठे वादे पर बलात्कार के आरोप में, अदालतों को सावधानी से जांच करनी होगी कि क्या अभियुक्त वास्तव में पीड़िता से शादी करना चाहता था या गलत मंशा थी और इस आशय का झूठा वादा किया था। न्यायालय ने दीपक गुलाटी बनाम हरियाणा राज्य (2013) और ध्रुवराम मुरलीधर सोनार (डॉ) बनाम महाराष्ट्र राज्य (2019) में शीर्ष अदालत के फैसलों पर ध्यान दिया और कहा कि यह देखा गया है कि अगर किसी आरोपी ने पीड़िता को यौन कृत्यों में शामिल होने के लिए बहकाने के एकमात्र इरादे से वादा नहीं किया था तो इस तरह के कृत्य को बलात्कार की श्रेणी में नहीं रखा जाएगा और अगर अभियुक्त का कोई दुर्भावनापूर्ण इरादा या गुप्त मकसद था तो यह बलात्कार का एक स्पष्ट मामला होगा।

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