पटरी से उतरी चिकित्सकीय सेवाएं, कार्रवाई की चेतावनी,प्राइवेट हॉस्पिटल में पांचवे दिन भी बंद रही ओपीडी, रेजिडेंट भी चल रहे हड़ताल पर

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जोधपुर। राइट टू हेल्थ बिल के विरोध में जोधपुर में चल रही निजी अस्पतालों के चिकित्सकों व रेजिडेंट्स की हड़ताल के कारण चिकित्सकीय सेवाएं पटरी से उतर गई है। प्राइवेट हॉस्पिटल में पिछले पांच दिन से ओपीडी और इमरजेंसी सेवाएं बंद है। प्राइवेट डॉक्टर्स बिल का विरोध जता रहे हैं। उनके समर्थन में पिछले तीन दिन से जोधपुर के रेजिडेंट डॉक्टर भी हड़ताल पर चल रहे हैं। उनकी जगह सरकारी डॉक्टर और इंटर्न व्यवस्थाएं देख रहे हैं। वहीं जरूरी ऑपरेशन ही किए जा रहे हैं। मरीज डॉक्टर्स के लिए भटक रहे हैं लेकिन उन्हें इलाज नहीं मिल रहा है। इधर रेजिडेंट डॉक्टरों की हड़ताल के बाद उन पर कार्रवाई की चेतावनी दी गई है।

प्रदेश में चल रही रेजिडेंट डॉक्टरों की हड़ताल को लेकर जोधपुर के सभी सरकारी हॉस्पिटल में भी इसका असर नजर आया। संभाग के सबसे बड़े मथुरादास माथुर हॉस्पिटल में भी इसका असर देखने को मिला। यहां पर मरीजों की लंबी-लंबी कतारें नजर आई। इलाज के लिए आए मरीजों को लंबा इंतजार करना पड़ रहा था। चेटीचंड अवकाश के चलते आज ओपीडी सुबह 11 बजे बंद हो गई इसके चलते कई मरीजों को वापस लौटना पड़ा। वही जो मरीज आज इलाज के लिए आए उन्हें भी परेशानियों का सामना करना पड़ा। कई मरीजों को स्ट्रेचर भी नसीब नहीं हुआ। मेडिकल कॉलेज के अधीन आने वाले तीनों हॉस्पिटल में पांच सौ के करीब रेजिडेंट हैं जिनकी ड्यूटी रोटेशन के आधार पर 24 घंटे की रहती है। अस्पताल में रेजिडेंट नहीं होने की वजह से इमरजेंसी में नर्सिंग कर्मचारी, इंटर्न मरीजों को देख रहे हैं। इमरजेंसी में आए मरीजों का इलाज किया जा रहा है। राइट टू हेल्थ बिल के विरोध में प्राइवेट हॉस्पिटल में ओपीडी गुरुवार को भी बंद रही। यहां आने वाले मरीजों को सरकारी हॉस्पिटल में दिखाने के लिए आना

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