पहले चरण में राज्य की 22 जेल हुई हैं चयनित, जिनमें से एक उदयपुर की सेंट्रल जेल भी शामिल
उदयपुर, 10 मार्च । राज्य के पुलिस महानिदेशक (जेल) भूपेंद्र दक ने माना है कि जलों में मोबाइल एक बड़ी समस्या है। जैमर होने के बावजूद जेलों में मोबाइल की पहुंच नहीं रोकी जा सकी। अब मोबाइल डिकेक्टर के जरिए जेलों में मोबाइल की पहुंच रोकी जा सकेगी। इसके लिए राजस्थान की जेलों में मोबाइल डिकेक्टर लगाए जाएंगे। पहले चरण में प्रदेश की 22 जेलों को इसके लिए चयनित किया गया है, जिनमें उदयपुर की सेंट्रल जेल भी शामिल है। दक शुक्रवार को उदयपुर आए और सेन्ट्रल जेल के निरीक्षण के बाद मीडिया से बात कर रहे थे।
डीजी भूपेंद्र दक ने कहा कि जेलों की सुरक्षा को लेकर प्रदेश में कई नए उपकरणों की खरीद की गई है, जिनमें मोबाइल डिकेक्टर भी शामिल हैं। इस उपकरण के लगाए जाने पर मोबाइल के जेल में प्रवेश करते ही पता लगा जाएगा। फिलहाल उदयपुर की सेंट्रल जेल सहित प्रदेश की 22 जेलों में मोबाइल डिकेक्टर लगाए जाना तय हुआ है।
सभी जेलों में अब कैन्टीन, कैदियों की खरीद राशि में भी बढ़ोतरी
डीजी जेल भूपेन्द दक ने बताया कि अब प्रदेश की सभी जेलों में कैन्टीन सुविधा शुरू कर दी गई है। साथ ही कैदियों की खरीद राशि में भी बढ़ोतरी की गई है। पहले जहां कैदी हर महीने डेढ़ हजार रुपए तक की सामग्री खरीद पाते थे, अब वह साढ़े तीन हजार रुपए तक का सामान खरीद पाएंगे।
जेलों में हर सोमवार राष्ट्रगान
जेलों में अब हर सोमवार को राष्ट्रगान अनिवार्य कर दिया गया है। सभी कैदियों को राष्ट्रगान गाना होगा। इसके लिए सभी जेल प्रशासन को निर्देशित किया गया है। दक ने सेन्ट्रल जेल उदयपुर के अधिकारी और कर्मचारियों से मुलाकात कर समस्याओं के बारे में जानकारी ली।
जेल में रहते हुए दिलीपनाथ ने कराई थी बजरंग दल संयोजक की हत्या
डीजी भूपेंद्र दक ने माना कि जेल में रहकर कई हिस्ट्रीशीटर आपराधिक वारदातें कराते हैं, जिनमें मोबाइल की भूमिका अहम होती है। उदयपुर में बजरंग दल संयोजक राजेन्द्र परमार उर्फ राजू तेली की हत्या के मामले में पुलिस ने अजमेर जेल में कैद हिस्ट्रीशीटर दिलीपनाथ को गिरफ्तार किया था, जिसने सुपारी देकर उसकी हत्या कराना कबूल किया है।