जयपुर, 15 जुलाई। एसआई भर्ती-2021 पेपर लीक प्रकरण में अदालती आदेश की पालना में एसआईटी के मुखिया वीके सिंह हाईकोर्ट में पेश हुए। इस दौरान अदालत ने ने केस से जुडे वकीलों के अलावा अन्य सभी को बाहर जाने का कहकर वीके सिंह से सवाल-जवाब किए। इसके साथ ही अदालत ने मामले की सुनवाई 17 जुलाई को रखी है।
वीके सिंह ने अदालत को कहा कि ट्रेनी एसआई की परीक्षा छंटनी के लिए नहीं, बल्कि जांच हिस्सा थी। इसके जरिए अभ्यर्थियों की बौद्धिकता का परीक्षण करना था। इसलिए समान प्रश्न पत्र हल कराया गया था। उन्होंने अदालत को बताया कि 705 अभ्यर्थियों की परीक्षा ली गई थी। इनमें से 51 अभ्यर्थियों के परीक्षा में प्राप्त अंकों से 150 अंक कम आए। वहीं 96 अभ्यर्थियों के सौ अंक कम हुए। ऐसा भी हो सकता है कि दोषियों को टेस्ट लेने का अंदेशा हो गया हो और उन्होंने पढ़ाई कर ली। एसआईटी के मुखिया ने अदालत को बताया कि आयोग सदस्य बाबूलाल कटारा के दो रिश्तेदार परीक्षा में बैठे थे, लेकिन कटारा ने इसकी जानकारी आयोग को नहीं दी। इसके अलावा आयोग सदस्य रामू राम राइका का बेटा और बेटी भी चयनित हुए। इस पर अदालत ने पूछा कि उन्हें पेपर लीक का अंदेशा कैसे हुआ? इसका जवाब देते हुए सिंह ने कहा कि हेल्पलाइन नंबर पर बडी संख्या में शिकायतें प्राप्त हुई थी। घटना में जगदीश विश्नोई का हाथ है और उसने परीक्षा केन्द्र से पेपर लीक किया था। वहीं उसके गैंग ने पेपर अभ्यर्थियों तक पहुंचाया। वीके सिंह ने अदालत को यह भी बताया कि 53 ट्रेनी एसआई गिरफ्तार हुए हैं। वहीं दस ट्रेनी फरार चल रहे हैं और दस अन्य ट्रेनी रडार पर हैं। इसके साथ ही 81 लोगों की जांच लंबित है। गिरफ्तार हुए 53 ट्रेनी में से दस पूर्व में सरकारी कर्मचारी रहे हैं। ऐसे में यह धारणा गलत है कि पूर्व सरकारी कर्मचारी अपराध में शामिल नहीं हो सकता।
2025-04-08