फोकस एनर्जी नामक तेल गैस कंपनी पर बड़ी कार्यवाही ,तीन करोड़ 67 लाख 92 हजार रूपए की पेनेल्टी

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जैसलमेर में प्रदूषण नियंत्रण मण्डल द्वारा भारत पाक सीमा पर गैस उत्पादन कर रही फोकस एनर्जी नामक तेल गैस कंपनी पर बड़ी कार्यवाही करते हुवे करीब 1752 दिनों बगैर रिनुवअल के गैस गैदरिंग प्लान्ट आॅपरेट करने के संदर्भ में धारा 33 ए वाॅटर एक्ट व 31 ए व एयर एक्ट के तहत तीन करोड़ 67 लाख 92 हजार रूपए की पेनेल्टी लगाते हुए कंपनी को नोटिस जारी किया है। कंपनी को 9 नवम्बर 2023 तक इस संबंध में अपना जवाब दाखिल करने के लिये समय दिया गया है।

जैसलमेर स्थित राजस्थान स्टेट पाॅल्युशन कंट्रोल बोर्ड के रीजनल मेनेजर जगदीष चैधरी ने जानकारी देते हुवे जैसलमेर में फोकस एनर्जी पर बड़ी कार्रवाई हुई है। फोकस एनर्जी तेल एवं गैस क्षेत्र की बड़ी कंपनी है जो कि जैसलमेर में भारत पाकिस्तान बॉर्डर पर गैस का उत्पादन करती हैं तथा वहां पर इनका गैस गेदरिंग स्टेषन है वहां पर एस.जी.एल. गैस फील्ड ब्लाॅक आर.जे.-ओ.एन.ध्6, गांव लंगतला जैसलमेर में कंपनी द्वारा 0.95 एम.एम.एस.सी.एम.डी ;मिलीयन स्टेण्डर्ड क्यूबिक मीटर पर डेद्ध गैस उत्पादन किया जाता है। इसके लिये कंपनी ने राजस्थान स्टेट पाॅल्युषन कंट्रोल बोर्ड द्वारा पाॅईजनस, नोक्सियस, पाॅल्युटिंग मैटर के निस्तारण के प्रोसेसिंग व एयर एक्ट व वाॅटर एक्ट के तहत सहमति पत्र जारी किया था। यह सहमति पत्र 29.11.16 से लेकर 30 अप्रेल 2018 तक वेलिड था।

उन्होंने बताया कि इसके बाद कंपनी ने एक मई 2018 से रिनुवअल के लिये किसी प्रकार की कोई ऐप्लीकेषन नहीं लगाई व कंपनी ने बाद में 16 फरवरी 2023 को यूनिट आॅपरेटिंग के लिये रिनुवअल की एप्लीकेषन लगाई। इस तरह कंपनी ने प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से एक मई 2018 से लेकर 15 फरवरी 2013 तक विद आउट रिनुवअल एप्लाई के अपना गैस गैदरिंग प्लान्ट का संचालन किया जो कि सुप्रीम कोर्ट व एनजीटी की गाईडलाईन व आदेशों का खुला उल्लंघन किया गया।

उन्होंने बताया कि राजस्थान प्रदूषण नियंत्रण मंडल ने 1752 दिनों तक बगैर किसी रिनुवअल के अपना प्लान्ट आॅपरेट करने के संदर्भ में फोकस एनर्जी को 3 करोड़ 67 लाख 92 हजार रुपए जुर्माने का नोटिस दिया हैं। कंपनी द्वारा बिना संचालन सहमति के प्राकृतिक गैस उद्योग संचालित किया जा रहा था। प्रदेश में प्रदूषण मंडल की अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई हुई है। प्रदूषण मंडल मुख्यालय को इस वृहद इकाई को लेकर शिकायत मिली थी।

यह कार्यवाही जल (प्रदूषण की रोकथाम और नियंत्रण) अधिनियम, 1974 की धारा 33ए और (वायु प्रदूषण की रोकथाम और नियंत्रण) अधिनियम, 1991 की धारा 31ए के तहत पर्यावरणीय मुआवजा जमा करने के लिए इच्छित निर्देशों के लिए कंपनी को कारण बताओ जारी किया।

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