-मुख्यमंत्री संसदीय बोर्ड, विधायक दल तय करेगा
जयपुर, 3 दिसंबर (ब्यूरो): राजस्थान में भाजपा की पूर्ण बहुमत वाली सरकार बनने के बाद पार्टी के प्रदेश मुख्यालय में जश्न के माहौल के बीच राजस्थान प्रभारी अरूण सिंह ने पंजाब केसरी ने जीत पर त्वरित प्रतिक्रिया ली। अरुण सिंह ने इसे पार्टी कार्यकर्ताओं की जीत करार दिया।
प्र. राजस्थान समेत तीन राज्यों में बड़ी जीत पर आपकी प्रतिक्रिया?
उ. देखिए, देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व की यह जीत है। उनके मार्गदर्शन की जीत है। देश की जनता का भरोसा उन पर हैं, मोदी पर गरीब, किसान, महिला और युवाओं का भरोसा है। इतना बड़ा भरोसा है तभी इतनी बड़ी जीत मिलती है। हमारा राजस्थान की जनता के प्रति अभिनंदन है। हम आभार व्यक्त करते हैं।
प्र. गहलोत की गारंटियों पर मोदी का चेहरा भारी रहा, अब भाजपा के वादों को पूरा करने की क्या गारंटी है?
उ. यह तो 2014 से ट्रैक रिकॉर्ड देखिए पीएम ने जो कहा, उसे किया और तभी तो लोगों को भरोसा है। भाजपा संस्कारवान कार्यकर्ताओं की पार्टी है। जो वादे किए हैं, वो निभाएंगे।
प्र. राजस्थान में अब भी मुख्यमंत्री के चेहरे पर सस्पेंस बरकरार है, क्या कहेंगे?
उ. मुख्यमंत्री चेहरे को लेकर हमारा संसदीय बोर्ड तय करेगा और तीस साल पुराना राजस्थान का इतिहास है, वो एक बार फिर रिपीट हुआ है। अभी तो कार्यकर्ता, नेता, सरकार आने के जश्न में डूबे हैं।
…फोटो…3अरुण सिंह…
धौलपुर, बूंदी में भाजपा, जैसलमेर, प्रतापगढ़, भीलवाड़ा में कांग्रेस का नहीं खुला खाता
राज्य में हुए विधानसभा चुनावों में भले ही भाजपा ने भारी बहुमत से जीत दर्ज की है, लेकिन धौलपुर और बूंदी जिलों में भाजपा खाता भी नहीं खोल पाई है। जबकि वर्ष 2018 के चुनावों में धौलपुर में एक तथा बूंदी में 2 सीटों पर भाजपा का कब्जा था। इसी क्रम में प्रतापगढ़, जैसलमेर और भीलवाड़ा ऐसे जिले रहे हैं जहां कांग्रेस का खाता नहीं खुल पाया है। इसमें प्रतापगढ़ में पहले कांग्रेस की दो, जैसलमेर में दो तथा भीलवाड़ा में 2 सीटों पर कांग्रेस का कब्जा था।
7 अल्पसंख्यकों ने की जीत दर्ज
राज्य विधानसभा में इस बार 7 मुस्लिम अल्पसंख्यक नेता जीतकर सदन का हिस्सा बने हैं। इसमें से 6 विधायक तो कांग्रेस तथा एक निर्दलीय है। जीत दर्ज करने वालों में फतेहपुर से हाकम अली खान, किशनपोल से अमीन कागजी, आदर्श नगर से रफीक खान, अलवर के रामगढ़ से जुबेर खान, मकराना से जाकिर हुसैन गैसावत कांग्रेस पार्टी के विधायक बने हैं। वहीं डीडवाना से युनूस खान निर्दलीय निर्वाचित होकर विधायक बने हैं।
भाजपा का बढ़ा, कांग्रेस का घटा वोट प्रतिशत
विधानसभा चुनावों में भाजपा के वोट प्रतिशत में पिछले बार के मुकाबले 2.41 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। वहीं कांग्रेस को इस बार वर्ष 2018 के मुकाबले वोट प्रतिशत में 0.29 फीसदी गिरावट आई है। राज्य में भाजपा को इस बार 41.69 फीसदी वोट मिले है, जबकि पिछली बार 39.28 प्रतिशत वोट शेयर था। वहीं कांग्रेस को पिछली बार 39.82 प्रतिशत वोट मिले थे जो इस बार घटकर 39.53 फीसदी ही रह गए। इसी प्रकार बसपा को पिछली बार 4.08 प्रतिशत वोट मिले थे जो इस बार घटकर 1.82 प्रतिशत ही रह गए।
प्रदेश में दिया कुमारी की सबसे बड़ी जीत, हंसराज पटेल की जीत का अंतर सबसे कम
जयपुर, 3 दिसंबर (भगवान चौधरी): प्रदेश की 199 सीटों के परिणाम रविवार को सामने आए। जिसमें विद्याधर नगर से भाजपा प्रत्याशी दिया कुमारी की सबसे बड़ी जीत रही। उन्होंने कांग्रेस के सीताराम अग्रवाल को 71,368 वोटों से हराया। इसके साथ ही प्रदेश में सर्वाधिक मत अंतर से जीत का रिकॉर्ड अपने नाम कर लिया। वहीं, सबसे कम वोट से जीत का अंतर कोटपुतली में देखने को मिला है। यहां से भाजपा के हंसराज पटेल ने महज 321 वोट से जीत हासिल की है। उन्होंने कांग्रेस के राजेन्द्र यादव (गृह राज्य मंत्री) को हराया है। इसके अलावा एक हजार से कम के आंकड़े से जीतने वालों में कठूमर से भाजपा के रमेश खींची (409), उदयपुरवाटी से कांग्रेस के भगवानाराम सैनी (419), जहाजपुर से भाजपा के गोपीचंद मीना (580), नोहर से कांग्रेस के अमित चाचन (895) और हवामहल से भाजपा के बालमुकुंदाचार्य (974) है।
दिग्गज का घटा वोट बैंक
आरएलपी सुप्रीमो हनुमान बेनीवाल को आखिरी राउंड में जीत नसीब हुई। बेनीवाल महज 2059 वोट से जीत कर अपनी लाज बचा पाए। इस जीत ने बेनीवाल के भविष्य की लकीर खींच दी है। वहीं, अशोक गहलोत 26,396 वोट से जीते, वसुंधरा राजे 53,193 वोट से जीतीं, सचिन पायलट 29,475 वोट से जीते हैं। जबकि ये तीनों दिग्गज पिछले चुनाव में दुगुने वोटों से जीते थे।
इनकी जीत 50 हजार पार
विधानसभा चुनाव में नौ उम्मीदवार ऐसे रहे जिनकी जीत का अंतर 50 हजार से अधिक वोटों से रहा। इसमें दिया कुमारी का नाम सबसे टॉप पर है। वहीं वसुंधरा राजे भी 50 हजार फ्रेम में सेट हो गई है।
दिया कुमारी – 71,368
राजकुमार रोत – 69,177
मनीष यादव – 64,908
लादू लाल पितलिया – 62,519
लालाराम बैरवा – 59,258
वसुंधरा राजे – 53,193
डॉ. सुरेश धाकड़ – 50,661
डूंगरराम गेदर – 50,459
राज्यवर्धन राठौड़ – 50,167