भीलवाड़ा, 19 सितम्बर। बारह साल पहले एक ग्रामीण से 1500 रुपये की रिश्वत लेते पकड़े गये कोटड़ी थाने के तत्कालीन कांस्टेबल चांदमल मेघवंशी को दो साल की सजा और 15 हजार रुपये के जुर्माने से दंडित किया गया। फैसला, विशिष्ट न्यायाधीश (एसीबी कोर्ट) पवनकुमार सिंघल ने सुनाया।
विशिष्ट लोक अभियोजक कृष्णकांत शर्मा ने बताया कि जसवंतपुरा निवासी भंवरलाल पुत्र अर्जुन माली ने एक अप्रैल 20213 को एसीबी के तत्कालीन उपाधीक्षक भीमसिंह बीका को शिकायत दी कि सात-आठ दिन पहले उसके परिवार व काका पप्पू के परिवार के बीच झगड़ा हो गया था। इसे लेकर काका पप्पू ने परिवादी व उसके परिवार के खिलाफ कोटड़ी थाने में रिपोर्ट दी। इस रिपोर्ट की जांच रोपां निवासी और कोटड़ी थाने के कांस्टेबल चांदमल पुत्र रामनाथ मेघवंशी के जिम्मे की गई थी। चांदमल ने परिवादी के परिवारजन को मुल्जिम नहीं बनाने की एवज में 600 रुपये 5 दिन पहले ले लिये थे। अब वह 1500 रुपये की और मांग कर रहा है। परिवादी ने प्रार्थना-पत्र में बताया कि अब वह कांस्टेबल को रिश्वत नहीं देकर रंगे हाथ पकड़ाना चाहता है।
इस शिकायत पर उपाधीक्षक बीका ने उसी दिन शिकायत का सत्यापन करवाया और ट्रैप की योजना तैयार की। परिवादी भंवर लाल 1500 रुपये लेकर कोटड़ी थाने के बाहर पहुंचा। जहां कांस्टेबल बाइक लेकर आया और परिवादी को साथ बैठाकर कुछ दूर ले गया और पुन: ले आया। उसने परिवादी को पैसे देने के लिए इशारा किया। इस पर भंवर लाल ने 1500 रुपये कांस्टेबल चांदमल को दे दिये। इसके बाद परिवादी भंवर लाल ने एसीबी को इशारा किया। कांस्टेबल ने शंका होने पर उक्त राशि पुन: भंवर लाल को लौटा दी। एसीबी ने कांस्टेबल के खिलाफ जांच कर चालान कोर्ट में पेश किया।
सुनवाई के बाद न्यायालय ने आरोपित कांस्टेबल को दो साल की सजा और 15 हजार रुपये के जुर्माने से दंडित किया है।