उदयपुर, 3 मार्च (ब्यूरो)। राजस्थान में सीनियर टीचर भर्ती पेपर लीक मामले में पकड़े गए राजीव उपाध्याय और पटवारी गमाराम विश्नोई शुक्रवार को जेल भेज दिए गए। पुलिस रिमांड खत्म होने पर उन्हें अदालत में पेश किया गया था। जबकि पेपर लीक का मुख्य सरगना भूपेन्द्र सारण फिलहाल रिमांड पर चल रहा है।
पुलिस रिमांड के दौरान पुलिस फिलहाल सारण से पेपर लीक से जुड़े और राज जानने के लिए प्रयासों में जुटी है। उसी से हुई पूछताछ के बाद ही पुलिस उसके सहयोगी राजीव उपाध्याय और जालोर में तैनात रहे पटवारी गमाराम विश्नोई को गिरफ्तार कर पाई थी।
सारण को पेपर बेचने वाले शेरसिंह की तलाश जारी
पुलिस अधीक्षक विकास शर्मा ने बताया कि उदयपुर पुलिस को अब मुख्य सरगना सरकारी टीचर अनिल उर्फ शेरसिंह मीणा की तलाश है। इसके लिए पुलिस की टीमें दिन-रात जयपुर, जालोर, बाडमेर में दबिश देकर जांच में जुटी है। रिमांड पर चल रहे सारण ने ही पूछताछ में बताया था कि सरकारी टीचर शेरसिंह मीणा ने उससे 40 लाख रुपए में पेपर लिया था। इसके बाद 5-5 लाख रुपए में अन्य अभ्यर्थियोंं को यह पेपर बेचा गया। बता दें, राजस्थान एटीएस-एसओजी ने 23 फरवरी को बड़ी कार्रवाई करते हुए भूपेन्द्र सारण को बेंगलुरू एयरपोर्ट पर गिरफ्तार किया थाा। भूपेन्द्र पर एक लाख का इनाम घोषित है।
यह है पूरा मामला
उदयपुर पुलिस ने गोगुंदा हाईवे पर बेकरिया थाना क्षेत्र में 24 दिसंबर 2022 की सुबह एक बस में अभ्यर्थियों को नकल करते पकड़ा था। इसमें आरोपी सरकारी स्कूल का हैड मास्टर सुरेश विश्नोई और भजनलाल विश्नोई पेपर सॉल्व करवा रहे थे। सुरेश विश्नोई ने पुलिस पूछताछ में बताया था कि उसे भूपेन्द्र सारण ने ही वॉट्सऐप पर पेपर भेजा था। इसके बाद पुलिस ने इसके घर सहित अन्य ठिकानों पर दबिश देते हुए तलाश शुरू कर दी थी।