जयपुर,13 मार्च(ब्यूरो): राजस्व मंत्री रामलाल जाट ने सोमवार को विधानसभा में कहा कि नदी-नालों और गैर-मुमकिन जोहड़ की भूमि के संबंध में राजस्व विभाग द्वारा विधि विभाग के साथ समन्वय कर इस सम्बन्ध में दिए गए निर्णयों का परीक्षण कराकर आवश्यक कार्यवाही की जाएगी।
राजस्व मंत्री शून्यकाल के दौरान रीटा चौधरी द्वारा प्रदेश की सभी तहसीलों में गैर-मुमकिन जोहड़ किस्म की भूमि के संबंध में लाए गए ध्यानाकर्षण प्रस्ताव का जवाब दे रहे थे।
इससे पहले राजस्व मंत्री ने अपने लिखित जवाब में बताया कि उच्च न्यायालय के आदेश की पालना में राज्य के समस्त जिला कलेक्टर्स को 26 जून 2012 को परिपत्र द्वारा निर्देश दिए हैं कि अतिक्रमित खसरों की सूची तैयार कर बहाव क्षेत्र के खसरों की 1955 की स्थिति से वर्तमान स्थिति की तुलना की जाए तथा 1955 की स्थिति को बहाल करने के कदम उठाएं। उन्होंने बताया कि बदलाव वाली भूमि पर हुए आवंटन या खातादारी निरस्त करने के लिए अतिक्रमित भूमि के चिह्निकरण के बाद रेफरेन्स राजस्व मंडल को प्रेषित करें।
इस पर रीटा चौधरी ने कहा कि शेखावाटी के चूरू, सीकर औैर झुंझुनूं में जोहड़ शब्द की सही व्याख्या नहीं है। इसके कारण सही कार्य नहीं हो पा रहा है। उन्होंने पूछा कि जिस प्रकार शहरों में बढ़ती आबादी को देखते हुए भू-रूपांतरण की सुविधा दी जा रही है वहीं सुविधा गांवों में भी कैसे मिल सकती है?
2023-03-14