पायलट की दो टूक, करप्शन पर लड़ाई जारी रहेगी

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-गहलोत सरकार अच्छा काम कर रही, लेकिन वसुंधरा सरकार के भ्रष्टïाचार पर कार्रवाई होना जरूरी
-2023 जीतने के लिए 2018 के वादे को अमलीजामा पहनाने की बात पर अडिग हैं सचिन
जयपुर, 23 अप्रैल : पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट एक बार फिर मीडिया के सामने आए। उन्होंने कहा कि करप्शन की लड़ाई मैंने, सीएम अशोक गहलोत सहित सभी कांग्रेसियों ने 2013 से 2018 तक लड़ी, गांव-गांव गए, वसुंधरा सरकार के करप्शन पर कार्रवाई कराने का भरोसा दिया और यही कारण रहा कि 2018 में जनता ने हमें सत्ता तक पहुंचाया। ऐसे में अब हम उसी करप्शन के मुद्दे को कैसे भूल सकते हैं? 2023 में जनता फिर हमारा साथ क्यों देगी और करप्शन पर कार्रवाई का जवाब मांगने पर हम क्या जवाब देंगे। इसी के चलते मैंने पहले पत्र लिखे और फिर अनशन किया। यह पार्टी के खिलाफ बिल्कुल नहीं था। मेरा पूरा फोकस राजे के करप्शन मामले की जांच कर दोषी पर कार्रवाई करवाने पर है। हालांकि पायलट ने कहा कि हमारी सरकार प्रदेश में बेहतर काम कर रही है, लेकिन अब समय कम है और इसी के चलते करप्शन, पेपर लीक, जिन नेताओं पर गंभीर आरोप लग रहे हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई कर अपनी इमेज ठीक करना है। तभी प्रदेश की जनता हम पर विश्वास कर हमें 2023 में जनादेश देगी और सत्ता में बनाए रखेगी।

सचिन पायलट रविवार को झारखंड महादेव मंदिर गए। वहां पूजा-अर्चना व अभिषेक करने बाद मीडिया से रूबरू हुए। उन्होंने 25 सितंबर की घटना को लेकर कहा कि वह सोनिया गांधी का आदेश था, उनके आदेश पर मल्लिकार्जुन खरगे, अजय माकन यहां आए थे। जो बगावत हुई और जो अवमानना की गई, यह सोनियाजी के आदेश को चुनौती देने के समान था। शोकॉज नोटिस जारी हुए, जवाब दिए या नहीं, मुझे नहीं पता। लेकिन पूरी घटना से खरगे व माकन की बेजज्जती हुई। कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू हुई, फिर थम गई। इसको लेकर प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा या एआईसीसी से ही जानकारी मिल सकती है। पायलट ने कहा कि राहुल गांधी भी करप्शन को लेकर सच्चाई की लड़ाई लड़ रहे हैं। इसको लेकर वे हर कुर्बानी देने को तैयार हैं और दे भी रहे हैं। रही बात कर्नाटक की तो वहां भी बीजेपी करप्शन में घिरी हुई है, जनता ने उसे नकार दिया है और कांग्रेस प्रचंड जीत की ओर बढ़ रही है। करप्शन को लेकर हम भी राजस्थान में लड़ाई लड़ रहे हैं।
सचिन ने कहा कि वसुंधरा राजे के समय भू-माफिया, खनन माफिया, शराब माफिया, बजरी माफिया, तरह-तरह के माफिया पनपे थे और हम इन्हीं मुद्दों को लेकर सत्ता में आए तो अब इन पर कार्रवाई करना जरूरी है। राजे के समय हुए घोटाले की मांग को लेकर राष्ट्रपति, राज्यपाल को ज्ञापन सौंपे, सीबीआई जांच की मांग की, एक्सपोज किया तो फिर अब उनकी जांच के नाम पर कोर्ट-कचहरी के बहाने बनाकर उन्हें शह देना ठीक नहीं। कांग्रेस पर कोई आरोप नहीं, लेकिन राजे मामले की जांच होनी चाहिए। पायलट ने सीएम गहलोत के उस बयान पर तंज कसा, जिसमें उन्होंने कहा था कि एसीबी आईएएस, आईपीएस, पटवारी, बाबू आदि पर कार्रवाई कर रही है। उन्होंने कहा कि जनता ने इन पर कार्रवाई के लिए नहीं, बल्कि वसुंधरा के समय हुए करप्शन पर कार्रवाई के लिए वोट दिए थे।

नींबू, दूध, पानी की बात कहां से आई
मैंने ना तो अपनी सरकार ना ही किसी व्यक्ति विशेष पर आरोप लगाए। मैंने पूर्व की वसुंधरा सरकार के समय हुए 45 हजार करोड़ के खनन घोटाले की जांच की बात कही। इसी को लेकर अनशन किया। इसके बाद नींबू, दूध, पानी वाले बयान सामने आने लगे। इसका क्या मतलब है। जनता सब समझ रही है और हम कार्रवाई कर जनता को किए गए वादे पर खरे उतरकर फिर 2023 में सत्ता में काबिज होंगे।
विवाद ही नहीं तो सुलह किस बात की 
मेरा ना तो सीएम ना ही पार्टी से कोई विवाद है, तो फिर सुलह किस बात की। मैंने अपना बयान, रिपोर्ट व आगामी चुनाव की रणनीति को लेकर अपना पक्ष, योजनाएं हाईकमान तक पहुंचा दी है। सरकार का महंगाई राहत कैंप सहित योजनाएं बहुत अच्छी हैं और जो कुछ थोड़ी-बहुत खामियां हैं उसे ठीक करना है, बाकी हम सभी जनता के बीच काम कर रहे हैं।

प्रभारी सुखजिंदर रंधावा पर कसा तंज
मेरे अनशन के शुरुआत में सुखजिंदर सिंह रंधावा ने अनुशासहीनता का बयान दिया, उससे मुझे भी आश्चर्य हुआ। वह संजीदा, अनुभवी, सुलझे हुए और समझदार हैं। जब हर चीज की वह रिपोर्ट दे रहे हैं, तो सरकार के नुमाइंदों पर जो आरोप लग रहे उसकी भी रिपोर्ट दें। उन्हें ऐसे मामले संज्ञान में लेना चाहिए। कोई भी व्यक्ति किसी भी पद पर हो, कितना भी पॉवरफुल हो, यदि दोषी है तो कार्रवाई होनी चाहिए।
पायलट के मुख्य मुद्दे
1. दागदार मंत्रियों पर हो कार्रवाई
पायलट ने कहा कि जिन मंत्रियों पर गंभीर आरोप हैं, मामले दर्ज हैं। वन टू वन संवाद में विधायक-मंत्रियों ने जो शिकायत की, उन सभी की रिपोर्ट भी प्रदेश प्रभारी को तैयार कर हाईकमान को देनी चाहिए। इन सभी पर कार्रवाई होनी चाहिए।
2. 25 सितंबर मामले का पटाक्षेप
25 सितंबर को पार्टी हाईकमान के आदेशों को ठेंगा दिखाया गया। हाईकमान को चुनौती देने वालों के हौसले बुलंद, अनुशासित कांग्रेस सिपाही का मनोबल डाउन हो रहा है। इस पर पार्टी हाईकमान को संज्ञान लेना चाहिए, ताकि भविष्य में ऐसी घटना रिपीट ना हो।
3. पेपर लीक के सरगना पर कार्रवाई
यह प्रदेश का सबसे बड़ा मुद्दा है। इसमें बड़े-बड़े लोग शामिल हो सकते हैं। आरपीएससी सदस्य के तार कहां-कहां जुड़े, वह सदस्य कैसे बना, किसने बनवाया, यह जांच होनी चाहिए और मुख्य सरगना पर शिकंजा कसना चाहिए। जांच चल रही है, उम्मीद है अंजाम तक पहुंचेगी।
4. वसुंधरा राजे के करप्शन की जांच
2018 में वसुंधरा राजे के करप्शन व माफिया राज की खिलाफत करके ही हम सत्ता तक पहुंचे। मैं व सीएम अशोक गहलोत सहित अन्य कांग्रेसी इस मुद्दे को लेकर जनता के पास गए थे। कार्रवाई नहीं हुई तो फिर यही विपक्ष हम पर साठ-गांठ का आरोप लगाएगा और जनता हम पर विश्वास नहीं करेगी।

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