जयपुर, 10 जुलाई। राजस्थान हाईकोर्ट ने एवज में रिश्वत से जुड़े मामले में हेरिटेज नगर निगम के मेयर पद से मुनेश गुर्जर को निलंबित करने के खिलाफ दायर याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है। जस्टिस अनूप कुमार ढंड की एकलपीठ ने यह आदेश मुनेश गुर्जर की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए।
याचिका में वरिष्ठ अधिवक्ता अशोक मेहता ने कहा कि याचिकाकर्ता को ना तो प्राथमिक जांच से पहले सुनवाई का मौका दिया गया और ना ही निलंबन से पहले जवाब पेश करने का समय दिया गया। राज्य सरकार की यह कार्रवाई प्राकृतिक न्याय कि प्रावधानों के खिलाफ है। याचिकाकर्ता को कारण बताओ नोटिस जारी कर जवाब देने के लिए तीन दिन का समय दिया गया। जबकि अगले तीन दिनों तक सार्वजनिक अवकाश था और चौथे दिन उसे निलंबित कर दिया गया। इसलिए उसके निलंबन आदेश को रद्द किया जाए। याचिका का विरोध करते हुए राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता राजेन्द्र प्रसाद ने कहा कि याचिकाकर्ता को जवाब के लिए पर्याप्त समय देते हुए नियमानुसार निलंबित किया गया था। ऐसे में याचिका को खारिज किया जाए। दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद अदालत याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है।
गौरतलब है कि राज्य सरकार ने मुनेश गुर्जर को सर्वप्रथम 5 अगस्त, 2023 को निलंबित किया था। इस निलंबन पर हाईकोर्ट ने रोक लगा दी थी। इसके बाद राज्य सरकार ने निलंबन आदेश वापस ले लिया था। इसके बाद सरकार ने जांच के बाद सितंबर माह में मुनेश को फिर से निलंबित कर दिया था। इस आदेश को हाईकोर्ट ने दिसंबर, 2023 में रद्द कर दिया था।
2025-07-10