स्कूल शिक्षा परिषद में आईटी कैडर की होगी स्ट्रैंथनिंग
-राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद् की निष्पादक समिति की बैठक में हुए कई निर्णय
जयपुर, 15 जून (विशेष संवाददाता) : राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद की निष्पादक समिति की 5वीं बैठक गुरुवार को स्कूल शिक्षा विभाग के शासन सचिव नवीन जैन की अध्यक्षता में शिक्षा संकुल में आयोजित हुई। बैठक में विचाराधीन एजेंडा के साथ ही शाला दर्पण पोर्टल पर नए मॉड्यूल शुरू करने तथा समग्र शिक्षा के राज्य, जिला एवं ब्लॉक स्तर पर रिक्त पदों पर प्रतिनियुक्ति के लिए साक्षात्कार प्रक्रिया शीघ्र आरंभ करने जैसे विषयों और समिति में शामिल विभागों के स्कूल शिक्षा विभाग से जुड़े कॉमन बिंदुओं पर भी चर्चा की गई। साथ ही अब 4 साल से अधिक समय से एक ही सीट पर काबिज अधिकारियों तथा समाप्त हुई प्रतिनियुक्ति वाले कार्मिकों के स्थान पर भी नए साक्षात्कार लिए जाने का निर्णय लिया गया।
परिषद की बैठक में अजमेर जिले में मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी कार्यालय, अजमेर शहर सृजित करने, स्कूल शिक्षा परिषद में सूचना प्रौद्योगिकी एवं संचार विभाग के आईटी कैडर के पुनर्गठन एवं राज्य कार्यालय में विशेष शिक्षा के लिए सहायक निदेशक का नवीन पद स्वीकृत करने का अनुमोदन किया गया। इसके साथ ही समग्र शिक्षा के तहत निर्माण कार्यों की प्रशासनिक एवं वित्तीय स्वीकृतियों के लिए ‘शेड्यूल ऑफ पावर‘ के निर्धारण और न्यायिक प्रकरणों के सम्बंध में परिषद के स्तर पर दो कमेटियों के गठन के प्रस्तावों को भी मंजूरी दी गई।
शासन सचिव श्री जैन ने की पहल पर बैठक में समिति में शामिल विभिन्न विभागों के स्कूल शिक्षा विभाग से जुड़े बिंदुओं पर सार्थक चर्चा की गई। प्रदेश में बाल अधिकारिता विभाग के तहत संचालित राजकीय किशोर एवं सम्प्रेषण गृहों में आवासित बच्चों की शिक्षा के लिए स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा तीन माह का विशेष कोर्स संचालित करने पर विचार किया गया। इसके तहत राज्य के सभी किशोर एवं सम्प्रेषण गृहों में कक्षा 1 से 10 तक के कोर्स से संबंधित ई-कंटेट भी उपलब्ध कराया जाएगा। शासन सचिव ने बाल अधिकारिता विभाग के अधिकारियों को इसके लिए पर्याप्त संख्या में हार्ड ड्राइव स्कूल शिक्षा विभाग को उपलब्ध कराने को कहा। उन्होंने अधिकारियों को आपसी समन्वय से इस व्यवस्था के बारे में सकारात्मक कार्यवाही करने को कहा। बैठक में कुछ प्रशिक्षण कार्यक्रमों के रेशनलाइजेशन, कुछ प्रशिक्षण कार्यक्रमों को संगठित कर कम समय में पूर्ण करने तथा वीडियो के जरिए कुछ प्रशिक्षण कार्यक्रमों के कोर्स मैटेरियल को डिजिटलाइज करने पर भी चर्चा की गई। इसके अलावा ई-एजुकेशन, स्पेशल बच्चों की शिक्षा और स्कूल शिक्षा की विभिन्न रचनात्मक गतिविधियों के लिए संबंधित योजना बनाने पर भी विचार विमर्श किया गया। चालू वित्तीय वर्ष में आचार संहिता के मद्देनजर विभागीय गतिविधियों को निर्धारित समय सीमा में ही पूरी करने पर भी विस्तृत विचार विमर्श किया गया।