रांधा-पुआ आज, कल लगेगा शीतला माता के शीतल व्यंजनों का भोग

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अजमेर, 11 मार्च (ब्यूरो): जिलेभर में मंगलवार को शीतला सप्तमी का पर्व परंपरागत रूप से हर्षोल्लास के साथ मनाया जाएगा। सुबह माता को शीतल व्यंजनों का भोग अर्पण कर ठंडा भोजन ग्रहण करेंगे। इसके लिए महिलाएं आज से ही पकवान बनाने की तैयारियों में जुट गई। महिलाएं माता के माता के भोग के लिए विभिन्न प्रकार के पकवान बनाएंगी। घर-घर पकवान बनाए जा रहे है। इसके चलते घर घर पकवानों की खुशबू महकेगी। महिलाएं कल से ही रांधा-पुआ की तैयारियों में व्यस्त हैं। महिलाएं कल माता के भोग के लिए कांजी बड़ा, गुंजिया, सकरपारे, पूड़ी, पापड़ी, हलुआ, मीठी व नमकीन आदि व्यंजन बनाएगी। आज रांधा पुआ होने से भोग और पूजन की सामग्री की खरीदारी के चलते पिछले दो दिनों से शहर में रौनक नजर आई। बाजार में मटके, कलश एवं सराई बिक्री के लिए फुटपाथ पर दुकानें लगी हुई है। कल शीतला माता के ठंडे पकवानों का भोग लगाने के बाद सभी लोग परंपरा के अनुसार शीतल भोजन करेंगे।
शीतला सप्तमी के मौके पर रात 12 बजे से मां को शीतला चढ़ाने का सिलसिला शुरू हो जाएगा। कालाबाग के पास शीतला माता मंदिर और सुभाष उद्यान के सामने लोढ़ा परिवार की ओर से भोग लगाने के बाद लोग मंदिर में भोग कर सकेंगे। अजमेर के शीतला मंदिर में तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। लोढ़ा परिवार के किशोरमल लोढ़ा के मुताबिक सोमवार को घरों में खाना बनाने के बाद मंगलवार को मां का भोग लगाया जाएगा। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए मंदिर में व्यवस्था की गई है। मध्यरात्रि से भक्तों की कतार शुरू हो जाती है। शीतला माता के ठंडे पकवानों का भोग लगाने के बाद सभी लोग परंपरा के अनुसार ठंडा भोजन करेंगे। मान्यता के अनुसार शीतला माता के पूजन और ठंडा भोजन करने से माता प्रसन्न होती है और शीतला जनित रोगों का प्रकोप कम होता है।
सालों पहले बना था मंदिर, नागौर से लाई थी मूर्ति:
किशोरमल लोढ़ा ने कहा कि लोढ़ा परिवार के कमल लोढ़ा ने अपनी मां गुलाब कंवर की याद में मंदिर बनवाया था। मंदिर का निर्माण 28 मार्च 1929 को हुआ था। कंमल लोढ़ा ने शीतला माता की मूर्ति नागौर से लाकर यहां स्थापित की थी। वर्षों से शीतला सप्तमी पर मंदिर में मेला भरने का सिलसिला शुरू हो गया, जो आज भी जारी है।
मंदिर के सामने भरेगा मेला:
काला बाग स्थित प्राचीन शीतला माता मंदिर पर मंगलवार को शीतला सप्तमी पर मेला भरेगा। वही आज सोमवार को भी मेला भरेगा। मेले में मिट्टी और प्लास्टिक के खिलौने, कांच के बर्तन, गिलास, कप, गुब्बारे, टोपी, धनुष.तीर, घडिय़ां, कपड़े, सजावटी सामान की दुकानें लगाई जाएगी। इसके अलावा कुल्फी, छोले भटूरे, दही बड़े, चाट-पकौड़ी, शर्बत, पानी-पताशे की दुकानें भी लगाई जाएगी। शहरवासी दो दिन तक मेले का लुत्फ उठा सकेंगे। मेले में सुरक्षा व्यवस्था का पुख्ता इंतजाम किया गया।

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