बात 6 फरवरी 2008 की है। पटना के किशुन देव राय ने अपनी 3,375 वर्ग फीट जमीन सिर्फ 3.75 लाख रुपए में पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव की पत्नी राबड़ी देवी काे बेच दी। यह जमीन की काफी कम कीमत थी।
इसी साल किशुन देव राय के परिवार के 3 लोगों को मध्य रेलवे मुंबई में ग्रुप डी के पद पर नौकरी मिल गई।
CBI ने इसे लैंड फॉर जॉब घोटाला बताया है। यानी नौकरी के बदले में जमीन लेना। यह मामला तब का है, जब लालू यादव 2004 से 2009 के बीच रेल मंत्री थे।
इसी केस में दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट ने मंगलवार को बीमार लालू यादव, राबड़ी देवी और मीसा भारती को समन जारी कर 15 मार्च को कोर्ट में बुलाया है। इस मामले के और आरोपियों को भी तलब किया गया है।
नौकरी के बदले जमीन लेने का घोटाला क्या है?
लैंड फॉर जॉब स्कैम के तार RJD नेता लालू यादव से जुड़े हुए हैं। नौकरी के बदले जमीन लेने के घोटाले में लालू और उनके परिवार वालों पर रेलवे में नौकरी दिलाने के बदले जमीन लेने का आरोप है। इस मामले में CBI ने मई 2022 में लालू और उनके परिवार के सदस्यों पर भ्रष्टाचार का नया केस दर्ज किया था।
CBI के अनुसार इस तरह से लालू यादव के परिवार ने बिहार में 1 लाख स्क्वायर फीट से ज्यादा जमीन महज 26 लाख रुपए में हासिल कर ली, जबकि उस समय के सर्कल रेट के अनुसार जमीन की कीमत करीब 4.39 करोड़ रुपए थी। खास बात ये है कि लैंड ट्रांसफर के ज्यादातर केस में जमीन मालिक को कैश में भुगतान किया गया।
पिछले साल मई और अगस्त में सीबीआई ने मारे थे छापे
CBI ने मई में लालू के अलावा उनकी पत्नी राबड़ी देवी, दो बेटियों मीसा भारती और हेमा यादव समेत लालू के करीबियों और परिजनों के 17 ठिकानों पर छापेमारी की थी।
CBI ने इस मामले में इस साल मई में लालू यादव, उनकी पत्नी और पूर्व CM राबड़ी देवी, उनकी बेटियों मीसा यादव और हेमा यादव के अलावा नौकरी पाने के बदले में कम कीमत में जमीन देने वाले कुछ अयोग्य उम्मीदवारों समेत 16 लोगों को आरोपी बनाते हुए उनके खिलाफ FIR दर्ज की थी।
CBI ने 24 अगस्त को एक बार फिर से RJD नेताओं के यहां छापेमारी की थी।
CBI ने नौकरी के बदले जमीन लेने के घोटाले में लालू और उनके परिजनों पर कौन से आरोप लगाए हैं…
आरोप नंबर-1 : 12 लोगों को रेलवे में नौकरी देकर 7 प्लॉट लिए
लालू के खिलाफ दर्ज केस में CBI ने आरोप लगाया है कि यूपीए सरकार के दौरान 2004 से 2009 तक रेल मंत्री रहने के दौरान लालू यादव ने रेलवे में नौकरी दिलाने के नाम पर उनसे रिश्वत के रूप में जमीन के प्लॉट लिए थे।
इस दौरान लालू पर रेलवे के कई जोन में ग्रुप डी पदों पर 12 लोगों की भर्ती के बदले अपने परिवार वालों के नाम पर जमीन के 7 प्लॉट ट्रांसफर करवाकर आर्थिक फायदा लेने का आरोप है। जमीन के ये 7 प्लॉट रेलवे में नौकरी पाने वाले उन 12 लोगों के हैं।
आरोप-2 : नौकरी के लिए कोई विज्ञापन नहीं निकाला गया
CBI ने अपनी जांच में पाया कि लालू ने रेल मंत्री रहते हुए बिना किसी विज्ञापन के कई लोगों को रेलवे में ग्रुप-डी की नौकरी दी थी। इन लोगों को भारतीय रेलवे में मुंबई, जबलपुर, कोलकाता, जयपुर और हाजीपुर में नियुक्त किया गया था।
आरोप-3 : एप्लिकेशन दी और 3 दिन के अंदर रेलवे में नौकरी
ED ने जांच में पाया कि कैंडिडेट्स के कुछ आवेदनों में गैर-जरूरी जल्दबाजी दिखाई गई थी और आश्चर्यजनक रूप से संबंधित एप्लिकेशन मिलने की तारीख के 3 दिनों के अंदर ही उनकी नियुक्ति को मंजूरी दे दी गई थी। वहीं रेलवे के कई अन्य जोन वेस्ट-सेंट्रल रेलवे, जबलपुर और वेस्टर्न रेलवे, मुंबई में भी इन लोगों को बिना पूरे पते के ही नियुक्ति दे दी गई थी।
7 डील में जानिए लैंड फॉर जॉब डील का पूरा खेल
डील-1 : जमीन देने के सालभर के अंदर 3 लोगों को नौकरी मिली
CBI ने अपनी शुरुआती जांच में पाया कि 6 फरवरी 2008 को पटना के किशुन देव राय ने अपनी जमीन काफी कम कीमत पर राबड़ी देवी के नाम कर दी। यानी 3,375 वर्ग फीट जमीन सिर्फ 3.75 लाख रुपए में राबड़ी देवी काे बेच दी।
साथ ही इसी साल परिवार के 3 मेंबर्स राज कुमार सिंह, मिथिलेश कुमार और अजय कुमार को मध्य रेलवे मुंबई में ग्रुप डी के पद पर नौकरी मिल गई।
डील-2 : 3.75 लाख में 3,375 वर्ग फीट जमीन देने के बदले 2 को रेलवे में नौकरी
फरवरी 2008 में पटना के महुआबाग के संजय राय ने भी सिर्फ 3.75 लाख रुपए में 3,375 वर्ग फीट जमीन राबड़ी देवी को बेच दी।
CBI ने अपनी जांच में पाया कि संजय राय के अलावा परिवार के 2 अन्य मेंबर्स को रेलवे में नौकरी मिल गई।
डील-3 : 2007 में जमीन दी, 2008 में बेटे का रेलवे में सिलेक्शन
पटना की रहने वाली किरण देवी ने नवंबर 2007 में सिर्फ 3.70 लाख रुपए में अपनी 80,905 वर्ग फीट जमीन लालू यादव की बेटी मीसा भारती को बेच दी।
इसके बाद 2008 में सेंट्रल रेलवे मुंबई में किरण देवी के बेटे अभिषेक कुमार को नौकरी मिल गई।
डील-4 : 9,527 स्क्वायर फीट जमीन के बदले 2 लोगों को मिली नौकरी
फरवरी 2007 में पटना निवासी हजारी राय ने अपनी 9,527 स्क्वायर फीट जमीन दिल्ली की कंपनी एके इंफोसिस्टम प्राइवेट लिमिटेड को 10.83 लाख रुपए में बेच दी।
बाद में हजारी राय के 2 भतीजों दिलचंद कुमार और प्रेम चंद कुमार को वेस्ट-सेंट्रल रेलवे जबलपुर और साउथ-ईस्टर्न रेलवे कोलकाता में नौकरी मिल गई।
CBI ने पाया कि एके इंफोसिस्टम के सभी अधिकार और संपत्ति साल 2014 में लालू की बेटी मीसा और पत्नी राबड़ी को दे दिए गए थे।
राबड़ी देवी ने 2014 में कंपनी के ज्यादातर शेयर खरीद लिए और बाद में कंपनी की डायरेक्टर बन गईं।
डील-5: 2006 में नौकरी मिली, 2015 में 1360 वर्ग फीट जमीन ली
पटना निवासी लाल बाबू राय ने मई 2015 में मात्र 13 लाख रुपए में अपनी 1,360 वर्ग फीट की जमीन राबड़ी देवी के नाम कर दी।
CBI ने जांच की तो पता चला कि लाल बाबू राय के बेटे लाल चंद कुमार को 2006 में नॉर्थ-वेस्टर्न रेलवे जयपुर में नौकरी मिली थी।
डील-6: नौकरी मिलने के बाद 62 लाख की जमीन गिफ्ट कर दी
बृज नंदन राय ने मार्च 2008 में अपनी 3,375 वर्ग फुट जमीन गोपालगंज निवासी हृदयानंद चौधरी को 4.21 लाख रुपए में बेच दी।
हृदयानंद चौधरी को साल 2005 में ईस्ट-सेंट्रल रेलवे हाजीपुर में नौकरी मिल गई। 2014 में हृदयानंद चौधरी ने गिफ्ट डीड के जरिए इस जमीन को लालू प्रसाद यादव की बेटी हेमा को ट्रांसफर कर दिया।
CBI ने जांच की तो पाया कि हृदयानंद चौधरी और लालू यादव दूर के भी रिश्तेदार नहीं हैं। साथ ही जिस जमीन को गिफ्ट के रूप में दिया गया, उस वक्त सर्कल रेट के अनुसार उसका मूल्य 62 लाख रुपए था।
डील-7: 2008 में नौकरी मिली, 2014 में जमीन दी
विशुन देव राय ने मार्च 2008 में अपनी 3,375 वर्ग फीट की जमीन सीवान निवासी ललन चौधरी को दे दी।
ललन के पोते पिंटू कुमार की साल 2008 में वेस्टर्न रेलवे मुंबई में नौकरी लग गई। इसके बाद ललन चौधरी ने फरवरी 2014 में इस जमीन को हेमा यादव को दे दिया।