पूनिया को समर्थन देने पहुंचा मीणा समुदाय ,कांग्रेस पर लगाया षड्यंत्र का आरोप

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जयपुर, NEEL ANAT: वीरांगनाओं के समर्थन में पिछले शनिवार को जयपुर में भाजपा द्वारा किए गए प्रदर्शन में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया के खिलाफ लगे नारों के बाद मंगलवार को प्रदेश के विभिन्न हिस्सों से मीणा और आदिवासी समुदाय के नेता उन्हें समर्थन देने पहुंचे। भाजपा नेताओं ने इस नारेबाजी को कांग्रेस का षड्यंत्र बताया है।
पूर्वी राजस्थान और उदयपुर संभाग के वागड़ अंचल से आए लोगों ने भाजपा प्रदेश कार्यालय व जनसंवाद केन्द्र पर सतीश पूनिया से मुलाकात कर उन्हें आश्वस्त किया कि राजस्थान का समस्त आदिवासी समाज भाजपा के साथ मजबूती से खड़ा है।

भाजपा एसटी मोर्चा प्रदेश अध्यक्ष जितेन्द्र मीणा ने कहा कि वीरांगनाओं के संवेदनशील मुद्दे को लेकर सांसद किरोड़ी लाल मीणा धरने पर बैठे हुए थे, लेकिन कांग्रेस की बेइमान सरकार सुन नहीं रही थी और इस दौरान पुलिस द्वारा किरोड़ी मीणा के साथ जो अभद्रता की गई, उनके कपड़े उतारे गए, उन्हें पीटा गया, जिससे पूरी भाजपा में आक्रोश है। जितेन्द्र मीणा ने कहा कि किरोड़ीलाल मीणा की पहचान भाजपा के नेता के रूप में है, भाजपा ने उन्हें शीर्ष तक पहुंचाया, अब उनके कोई हाथ भी लगाता है तो भाजपा में उबाल आना स्वाभाविक है।
इसी के विरोध में पार्टी की ओर से आंदोलन किया गया था, लेकिन इस आंदोलन में कुछ षड्यंत्रकारी आ गए जो यह चाहते थे कि भाजपा से मीणा समाज नाराज हो जाए। कांग्रेस सरकार समाजों में विद्वेष फैलाना चाहती है और समाजों में भेदभाव करने में लगी हुई है। ऐसे में मीणा समाज के लोग सतीश पूनिया को आश्वस्त करने आए हैं। ऐसे व्यक्तियों का भाजपा से कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मांग की कि पूनिया के खिलाफ हो रहे षड्यंत्र के मद्देनजर इनकी सुरक्षा मजबूत की जाए।

पूर्व विधायक रमेश मीणा ने दी चेतावनी
पूर्व विधायक रमेश मीणा ने कहा कि वीरांगनाओं की मुखर आवाज बनकर सतीश पूनिया और सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने मजबूती से आंदोलन किया, लेकिन कुछ अराजक तत्वों ने प्रदेश अध्यक्ष के खिलाफ नारेबाजी और जो षड्यंत्र किया उसकी पूरा मीणा व आदिवासी समाज कड़ी निंदा करता है और भविष्य में ऐसी कोई घटना ना हो इसको लेकर सख्त चेतावनी देते हैं।

कांग्रेस से जुड़े हैं तमाम उपद्रवी : पूनिया
वहीं सतीश पूनिया ने कहा कि भाजपा सभी समाजों को भागीदारी और सम्मान देती है और इससे बड़ा कोई उदाहरण नहीं हो सकता कि जनजाति समाज की महिला श्रीमती द्रौपदी मुर्मू देश की राष्ट्रपति हैं, यह हम सबका गौरव है। उन्होंने कहा कि ऐसे तमाम उपद्रवी लोग कांग्रेस से जुड़े हुए हैं, जो सोशल मीडिया पर भी भाजपा के खिलाफ अमर्यादित शब्दों का प्रयोग कर एजेंडा चलाते हैं। 11 मार्च की जो घटना थी उसको हमने संयम के साथ बरता, वीरांगनाओं के साथ भाजपा मजबूती से खड़ी है। पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष हूं ऐसे में इस घटना से मेरा अपमान हर कार्यकर्ता और किसान का अपमान है और मेरा सम्मान हर कार्यकर्ता और किसान का सम्मान है।

पार्टी की गुटबाजी के तौर पर देखा गया था
गौरतलब है कि प्रदर्शन के दौरान पूनिया के खिलाफ लगे नारों को पार्टी की गुटबाजी के तौर पर देखा गया था, क्योंकि कुछ समय पहले ही किरोड़ी लाल मीणा ने पूनिया पर आरोप लगाया था कि पेपर लीक के मामले में उनके आंदोलन पर पार्टी ने सक्रियता से साथ नहीं दिया। ऐसे में उस दिन हुई नारेबाजी को किरोड़ी मीणा के समर्थकों का उपद्रव माना गया था। यह मामला रविवार को हुई पार्टी पदाधिकरियों की बैठक में भी उठा था और कुछ पदाधिकारियों व जिला अध्यक्षों ने इस घटना पर कड़ी आपत्ति की थी। साथ ही यह मांग भी की थी कि जो भी आंदोलन हो वह संगठन की अनुमति के बाद ही हो। इस पर प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह ने सहमति भी प्रकट की थी।

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